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इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश, तुरंत रिहा करें डॉ कफील खान को, भड़काऊ भाषण के आरोप में हुए थे गिरफ्तार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुए ऑक्सिजन कांड में आरोपी डॉ. कफील को हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। उनके ऊपर योगी सरकार की ओर से लगाया गया एनएसए ऐक्ट हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने डॉ. कफील को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है। डॉ. कफील के मामले में जल्दी ही फैसला देने का आदेश बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने दिया था।
दरअसल, डॉ.कफील पर सीएए और एनआरसी को लेकर भड़काऊ भाषण देने के मामले में रासुका के तहत कार्रवाई की गई थी। डॉ.कफील को रासुका में निरुद्ध किए जाने को लेकर चुनौती दी गई थी। डॉ कफील की मां नुजहत परवीन की ओर से बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की गई थी।
डीएम अलीगढ़ ने नफरत फैलाने के आरोप में डॉ. कफील पर रासुका लगाया था पिछले कई महीनों से कफील खान जेल में बंद है। डॉ. कफील खान भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मथुरा जेल में बंद हैं। हाल ही में उनकी हिरासत 3 महीने के लिए बढ़ा दी गई थी। पिछले करीब 6 महीने से रासुका के तहत कफील खान मथुरा जेल में बंद हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की धारा 3 (2) के तहत 13 फरवरी 2020 को कफील खान को अलीगढ़ जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर निरुद्ध किया गया है।
दिसंबर महीने में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर योगेंद्र यादव के साथ डॉ. कफील ने एएमयू में विवादित बयान दिया था। इस पर कफील के खिलाफ सिविल लाइंस केस दर्ज किया गया था। इसी मामले में 10 फरवरी के बाद रिहाई की तैयारी थी, लेकिन इससे पहले उनके ऊपर एनएसए के तहत कार्रवाई की गई।
बीआरडी की इस घटना के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा था। इस पत्र में प्रियंका ने कफील को न्याय दिलाने में उनकी पूरी मदद करने का अनुरोध किया है। प्रियंका ने अपने लेटर में लिखा था, 'मुख्यमंत्री महोदय, इस पत्र के माध्यम से डॉक्टर कफील खान का मामला आपके संज्ञान में लाना चाहती हूं। ये अब तक लगभग 450 से ज्यादा दिन जेल में गुजार चुके हैं। डॉ. कफील ने कठिन परिस्िथतियों में निस्वार्थ भाव से लोगों से लोगों की सेवा की है।