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गौशाला में जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण पशुओं की हुई मौत
ललितपुर। जहां एक ओर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ आवारा गोवंशों को संरक्षित करने के लिए जनपद में कई गौशालाओं का संचालन करवरकर उन्हें आश्रय देने का काम कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर उन्हें गौशालाओं में तैनात किए गए जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते लगातार मूक गौवंशों की मौत हो रही है। इससे बड़ी लापरवाही तब उजागर हुई, जब गौशाला में मरे हुए पशुओं को खुले मैदान में फेंक दिया गया, जहां गिद्ध चील कौवा ने उन्हें लोंच-लोंच कर क्षत-विक्षित कर दिया। गौशाला में लापरवाही का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। शिकायत के बाद जब प्रकरण जांच में स्पष्ट हुआ, तब जनपद के आला अधिकारियों के निर्देश पर ग्राम प्रधान, डॉक्टर सहित 8 नामजद आरोपियों के खिलाफ मामला पंजीकृत कराया गया।
मिली जानकारी के अनुसार शासन की मंशा के अनुरूप आवारा गोवंशों को संरक्षित करने के उद्देश्य से विकासखंड बार क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम देवरान में गौशाला का संचालन किया जा रहा था। इस गौशाला में संरक्षित किए गए गौबन्शों की देखरेख की जिम्मेदारी के लिए ग्राम प्रधान गुड्डी देवी पत्नी जयराम के साथ-साथ पशु चिकित्सक गौरव भोइया, गौशाला पैराबेट राजेश कुमार पुत्र प्यारेलाल के साथ गांव के ही गौ सेवक भजनलाल पुत्र बाबूलाल, शिखर पुत्र चौउदे, सोनू व संतोष पुत्रगण भजन लाल संतोष, देशराज पुत्र कल्लू को भी तैनात किया गया था, ताकि बीमार गौवंशों को समय पर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध हो सके और उनकी से सेवा भी हो, ताकि यहां पर संरक्षित गोवंशों की जिंदगी आसानी से कट सके । लेकिन गौशाला में तैनात किए गए सभी आठ जिम्मेदारों ने इस कदर लापरवाही वर्ती कि यहां पर संरक्षित किए जाने वाले गौवंशों की बड़ी मात्रा में मौत हुई। इससे बड़ी लापरवाही उसे समय उजागर हुई जब इन्ही जिम्मेदारों ने अपने जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं किया और गौशाला में मृत पड़े हुए सैकड़ों गौवंशों के शबों को यूं ही खुले आसमान में नीचे फेंक दिया, जहां पशु पक्षियों ने उन्हें लोंच-लोंच कर क्षत-विक्षित कर दिया। इस मामले की शिकायत जब स्थानीय ग्रामीणों द्वारा जिला प्रशासन से की गई और जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों ने गौशाला का निरीक्षण किया, तब जिम्मेदारों की बड़ी लापरवाही उजागर हुई।
जिसके बाद जनपद की आला अधिकारियों के निर्देश पर खंड विकास अधिकारी आलोक कुमार ने थाना बार पुलिस को उक्त घटना के संबंध में शिकायती पत्र देकर सभी आठ जिम्मेदारों के खिलाफ मामला दर्ज कराया। इसके बाद बार पुलिस ने खंड विकास अधिकारी द्वारा दिए गए शिकायती पत्र के आधार पर सभी आठ जिम्मेदारों के खिलाफ 3/11 पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत मामला पंजीकृत कर विवेचना प्रारंभ कर दी है।