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फतेहपुर: असोथर थाने की पुलिस ने हत्या का मामला टरकाया, अब हुआ खुलासा
फतेहपुर: असोथर पुलिस की कारस्तानी तो देखिए जिस पीड़ित को पहले फटकार कर भगा दिया फिर जब खुलासा हुआ तो पीठ थपथपाने लगी। लेकिन खुलासे का पूरा श्रेय पुलिस उपाधीक्षक अनिल कुमार को जाता है। जिन्होंने मामले का तत्काल संज्ञान लेते पीड़ित की सहायता की और देर शाम खुद थाने पहुंच कर टीम गठित कर घटना के खुलासे के निर्देश दिया। शनिवार को देखते ही देखते हत्याकांड का खुलासा हो गया और तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
असोथर थाना क्षेत्र में 16 जनवरी को एक अज्ञात युवक का शव मिला था। पुलिस ने विधिक प्रक्रिया के तहत शव का पोस्टमार्टम कराते हुए मृतक के कपड़े आदि को पहचान के लिए रख लिया था। इस बीच दो अप्रैल को हुसैनगंज थाना क्षेत्र स्थित चीट चौहट्टा के रहने वाले अशोक पासवान अपने परिजनों के साथ बेटे को खोजते हुए असोथर थाने पहुंचे। यहां पर जब उन्होंने अपने लापता बेटे के बारे में जानकारी लेनी चाही तो मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने पल्ला झाड़ते हुए मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया।
निराश परिजनों ने पुलिस उपाधीक्षक अनिल कुमार को न्याय की गुहार लगाई तो उन्होंने पुलिसकर्मियों को फटकार लगाते हुए पीड़ित की सहायता करने का निर्देश दिया। इस पर जब दोबारा परिजन थाने पहुंचे तो लावारिश शव के कपड़े और अन्य चीजों को दिखा कर मृतक की पहचान सनोज नाम से करायी। मृतक सनोज के परिजनों ने बताया कि देर शाम तक पुलिस उपाधीक्षक अनिल कुमार असोथर थाने आ गए और तब एक के बाद एक पुलिस की कई टीमें सक्रिय हो गयीं। देखते ही देखते जो पुलिस उनसे सही से बात नही कर रही थी वह उनके साथ कंधे से कंधा मिलाने लगी। घटना के खुलासे के लिए परिजनों ने पुलिस उपाधीक्षक अनिल कुमार को धन्यवाद दिया है।
इसलिए हुई हत्या
मृतक के पिता अशोक ने बताया कि उनका लड़का सनोज 13 जनवरी को असोथर में अपने दोस्त लल्लू, पिंटू से मिलने आया था। जानकारी करने पर पता चला कि असोथर में ही सनोज की जान पहचान सुधा पुत्री इंग्लेश से थी। सनोज सुधा से मिलने आया था लेकिन यह बात उसके पिता को पसंद नही थी। इसी बात से नाराज सुधा के पिता इंग्लेश ने हत्या की होगी। शव की पहचान न हो इसके लिए उसने षडयंत्र रचा और उनके बेटे के शव को ठेले में लाद कर नहर में फेंक दिया होगा। आरोपियों ने इस घटनाक्रम को कबूला और अपना अपराध भी स्वीकार किया है।
पुलिस उपाधीक्षक अनिल कुमार की फटकार के बाद जिस तरह से हत्याकांड का खुलासा हुआ उससे एक बड़ा सवाल उठता है कि क्या जब तक बड़े अधिकारी कार्यवाई के लिए नही कहेंगे तब तक थाने में मौजूद इंस्पेक्टर और अन्य सब इंस्पेक्टर कार्यवाई नही करेंगे? यदि ऐसा ही है तो ऐसे पुलिसकर्मियों को वीआरएस लेकर घर बैठ जाना चाहिए। जिससे कुछ पुलिसकर्मियों की वजह से यूपी पुलिस का नाम खराब ना हो।
वर्जन
"इंग्लेश, उनकी पत्नी शकुंतला देवी ने सनोज की हत्या कर उसके शव को छिपाने के लिए ठेले में लादकर नहर में फेंका था। हत्यारोपी की पुत्री सुधा ने शव को छिपाने में महती भूमिका निभाई। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया है।" - राजेश कुमार (अपर पुलिस अधीक्षक, फतेहपुर)