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अतीक अहमद के भाई अशरफ को नहीं मिली जमानत, उमेश पाल की हत्या का आरोप
कोर्ट ने कहा याची के खिलाफ 51 गंभीर आपराधिक केस दर्ज है। विधायक राजू पाल व दो गनर की दिन दहाड़े हुई हत्या केस में भी वह आरोपी हैं। एक लाख का ईनामी बदमाश है। जो जेल में बंद हैं। कोर्ट ने कहा हत्या, अपहरण जैसे गम्भीर अपराधों के आरोपी को जमानत की पैरिटी नहीं दी जा सकती। जमानत देते समय अपराध की प्रकृति सबूतों व समाज पर पड़ने वाले असर पर विचार किया जाना चाहिए। कोर्ट ने याची को जमानत पाने का हकदार नहीं माना और अर्जी खारिज कर दी। यह आदेश न्यायमूर्ति डी के सिंह ने मोहम्मद अशरफ की जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है।
विधायक हत्या केस में भी आरोपी
प्रयागराज के धूमनगंज थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार 25 सितम्बर 15 को 8.30 बजे रात शिकायतकर्ता मोहम्मद आबिद फार्च्यूनर कार से गांव जा रहा था। मदरसे के पास नामित सात अभियुक्तों ने पुरानी दुश्मनी के चलते कार पर फायरिंग की। जिसमें दो लोग मारे गए। याची का प्राथमिकी में नामजद नहीं था। विवेचना के दौरान सबूत मिलने पर उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। इसके भाई बाहुबली अतीक अहमद पर एक सौ से अधिक आपराधिक केस है। विधायक हत्या केस में भी आरोपी हैं। गिरोह का सरगना है।
51 आपराधिक केस दर्ज -
कोर्ट ने कहा याची पर 51 आपराधिक केस है। हाल ही में राजू पाल हत्या के चश्मदीद गवाह उमेश पाल की हुई हत्या में भी आरोपी है। जिसमें दो सुरक्षा गार्ड की भी हत्या की गई है। प्रश्नगत मामले में मृतक सुरजीत की विधवा प्रीती देवी की याचिका पर हाईकोर्ट ने निष्पक्ष विवेचना का निर्देश दिया है। घटना की चश्मदीद गवाह है। याची पर दो लोगों की हत्या का षड्यंत्र का आरोप है।