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दो हजार से भी कम लाभार्थियों को मिला शौचालय की दूसरी किश्त का पैसा
बांदा। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज-2 से बनाए जा रहे व्यक्तिगत शौचालय में चार ब्लाकों की प्रगति खराब होने पर एडीओ पंचायत को एक सप्ताह का समय देते हुए प्रगति सुधारने के निर्देश दिए गए हैं। जिले में साढ़े दस हजार से अधिक शौचालय बनाए जाने का लक्ष्य है। लेकिन अभी तक करीब 18 सौ लाभार्थियों को दूसरी किश्त मिल पायी है।
गांवों को खुले में शौचमुक्त बनाए रखने को एसबीएम ग्रामीण फेज-2 के तहत लोगों के घरों में व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है। जिले को 10723 व्यक्तिगत शौचालय बनाने का लक्ष्य मिला था लेकिन अभी तक उनका निर्माण पूरा नहीं हो पाया। लक्ष्य के सापेक्ष 6204 को पहली किश्त में छह-छह हजार रुपये लाभार्थियों को दे दिए गए हैं लेकिन आठ में से चार विकासखंड बिसंडा, जसपुरा, महुआ व नरैनी में लाभार्थियों को दूसरी किश्त जारी नहीं हुई जिससे शौचालयों निर्माण की प्रगति इन ब्लाकों में धीमी पड़ गई है। दूसरी किश्त में भी लाभार्थियों को छह-छह हजार रुपये दिए जाते हैं। दूसरी किश्त जारी करने में तिंदवारी सबसे आगे है। इस विकासखंड में 908, बबेरू में 394, बड़ोखरखुर्द में 233 व कमासिन में 242 लाभार्थियों को दूसरी किश्त दी गई है। दूसरी किश्त देने में फिसडडी ब्लाकों के एडीओ पंचायत को डीडीओ/डीपीआरओ डा.रविकिशोर त्रिवेदी ने एक सप्ताह का समय देते हुए लाभार्थियों को दूसरी किश्त जारी किए जाने के निर्देश दिए। पंचायतीराज विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान डीपीआरओ ने कहा है कि इसके बाद भी लापरवाही हुई तो कार्रवाई की जाएगी।
सोकपिट बनाने में बिसंडा ब्लाक फिसड्डी -
डीपीआरओ ने समीक्षा बैठक के दौरान सोकपिट निर्माण की प्रगति का हाल जाना तो बिसंडा की प्रगति खराब मिली। विभागीय जानकारी के मुताबिक इस विकासखंड की 28 ग्राम पंचायतों में 157 सोकपिट बनाए जाने का 18 लाख 36 हजार 900 रुपये का भुगतान नहीं किया गया। विभाग का कहना है कि भुगतान न होने से माना जा रहा है कि कार्य ही नहीं हुआ लिहाजा विकासखंड के सहायक विकास अधिकारी पंचायत को शीघ्र सोकपिट निर्माण पूरा कराने के निर्देश दिए गए हैं।