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सदर में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार, दिलचस्प मुकाम पर पहुंचा चुनाव
बांदा। मतदान में अब एक हफ्ता ही बाकी रह जाने पर सभी प्रमुख दलों के प्रत्याशियों ने हर तरह के हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए दूसरी तरफ चुनाव जातियों की गणित के जंजाल में उलझा विकास और ऐसे ही अन्य मुद्दों को दरकिनार कर प्रत्याशी और उनके समर्थक बिरादरियों के मुखिया पर डोरे डाल रहे हैं। भाजपा, सपा और बसपा में ब्राह्मण, अनुसूचित जाति, पिछड़े और मुस्लिम मतदाताओं पर खास नजर है। जिले की चारों सीटों का चुनाव रुझान लगभग एक जैसा है।बुंदेलखंड में जातिगत आधारित चुनाव पुरानी परंपरा है। सारे मुद्दे इसके बाद हैं। जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी जैसे नारे यहां हमेशा सरसब्ज हुए हैं। बांदा सदर सीट पर भाजपा के प्रकाश द्विवेदी और सपा की मंजुला सिंह और बसपा के धीरज राजपूत पकड़ काफी मजबूत बनाए हुए हैं।
कांग्रेस के लक्ष्मी नारायण गुप्ता भी अपने स्वजातीय और पार्टी के परंपरागत वोटों के अलावा अन्य दलों के वोटों पर सेंधमारी की कोशिश में जुटे हैं। सिटिंग विधायक और सत्तारूढ़ दल का प्रत्याशी होने के नाते प्रकाश द्विवेदी प्रचार से लेकर अपनी हनक बनाए रखने में आगे हैं।उधर, मंजुला सिंह को उनके पति विवेक सिंह (अब स्वर्गीय) की शोहरत का लाभ मिल रहा है। क्षत्रिय समाज स्वजातीय प्रत्याशियों के लिए फतवा भी जारी कर चुका है। बसपा के धीरज राजपूत का हाथी भी गांव-गांव खामोशी से आगे बढ़ता नजर आ रहा है। यहां त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं।
सुरक्षित सीट नरैनी में सभी दलों की नजर ब्राह्मण और अन्य जातियों के मतदाताओं पर है। आरक्षित सीट होने से यहां इन जातियों का कोई प्रत्याशी नहीं है, जबकि इस श्रेणी के मतदाताओं की संख्या तकरीबन एक लाख के आसपास है। अनुसूचित जाति के मतदाता भी इनसे कम नहीं हैं।भाजपा की ओममणि वर्मा, सपा की किरन वर्मा और कांग्रेस की पवन देवी के अलावा पुरुष प्रत्याशियों में बसपा के गयाचरन दिनकर अपनी साख बचाने में जुटे हुए हैं। यादव बाहुल्य कही जाने वाली बबेरू सीट पर बसपा ने ब्राह्मण वर्ग का प्रत्याशी (रामसेवक शुक्ला) उतारा है। सपा ने यहां के पूर्व विधायक विशंभर सिंह यादव को मौका दिया है। उधर, भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी पटेल बिरादरी के हैं। ऐसे में पटेल वोट बंटने के आसार हैं। यहां भी त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा है।
तिंदवारी सीट में यहां के मौजूदा विधायक ब्रजेश प्रजापति को अपनी सीट बचाने की चुनौती है। पिछली बार भाजपा से लड़े ब्रजेश अबकी साइकिल के सहारे वोट मांग रहे हैं। उधर, भाजपा ने अपने जिलाध्यक्ष रहे रामकेश निषाद को उतारा है। इस क्षेत्र में निषाद भी काफी संख्या में हैं। बसपा के जयराम सिंह को कम नहीं आंका जा रहा। बसपा के परंपरागत वोटों के अलावा एकलौते क्षत्रिय प्रत्याशी होने का भी फायदा मिल रहा है। इस क्षेत्र में मुस्लिम वोटों का सपा और बसपा के बीच बंटवारा हो सकता है।ब्राह्मण 10.5 लाख
- पिछड़ी जाति 4.11 लाख
- अनुसूचित जाति 3.15 लाख
- मुस्लिम एक लाख
- शेष अन्य जातियां
- कुल मतदाता- 13,00,963
- पुरुष मतदाता- 7,12,644
- महिला मतदाता- 5,88,270