बहराइच: बिना जांच मतगणना एजेंटों को रेवड़ी की तरह बांटे गए कोरोना नेगेटिव प्रमाण पत्र

बहराइच: बिना जांच मतगणना एजेंटों को रेवड़ी की तरह बांटे गए कोरोना नेगेटिव प्रमाण पत्र
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शनिवार को मतगणना एजेंट पास बनवाने से पूर्व प्रत्याशी और उनके एजेंट सरकारी अस्पतालों में कोरोना जांच कराने पहुंचे। लेकिन महकमें की ओर से बिना जांच के ही कोरोना निगेटिंग प्रमाण पत्र रेवड़ी की तरह बांटे गए हैं।

बहराइच/कैसरगंज (अंबुज अवस्थी/बृजेश सिंह): कोरोना महामारी से त्राहि-त्राहि मची हुई है। प्रतिदिन सैकड़ों मौतें हो रही हैं। स्वास्थ्य विभाग पर नियंत्रण की जिम्मेदारी है लेकिन स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदार ही घोर लापरवाही कर रहे हैं। शनिवार को मतगणना एजेंट पास बनवाने से पूर्व प्रत्याशी और उनके एजेंट सरकारी अस्पतालों में कोरोना जांच कराने पहुंचे। लेकिन महकमें की ओर से बिना जांच के ही कोरोना निगेटिंग प्रमाण पत्र रेवड़ी की तरह बांटे गए हैं। इसका खुलासा बहराइच में परिजनों की पंचायत चुनाव में मदद करने आए दिल्ली के भाजपा उपाध्यक्ष व व्यवसाई ने किया है। इस खुलासे के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है।

कोरोना महामारी से चारों तरफ हाहाकार है लेकिन इस महामारी पर नियंत्रण करने की जिम्मेदारी संभालने की बजाय स्वास्थ्य महकमा महामारी को फैलाने में लगा हुआ है। रविवार सुबह से मतगणना होनी है। मतगणना में पास के लिए प्रत्याशी और उनके अभिकर्ताओं का कोरोना नेगेटिव होना आवश्यक है। इसके लिए सुबह से जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर लोगों की कतारें लगी हुई है। जांच करके प्रमाण पत्र जारी करने का आदेश है। लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर बिना जांच के ही कोरोना निगेटिव होने का प्रमाण पत्र जारी किया जा रहा है। इसका खुलासा कैसरगंज के मरौठी गांव निवासी रईस मलिक ने किया है। स्वदेश से बात करते हुए रईस ने बताया कि वह दिल्ली में भाजपा का जिला उपाध्यक्ष है। स्वयं का व्यवसाय है। पंचायत चुनाव परिजन लड़ रहे थे उनकी मदद के लिए रईस दिल्ली से आया है।

रईस ने बताया कि सुबह 11:00 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लाइन में लगे। देर शाम को नंबर आया। लेकिन पटल पर बैठे डॉक्टर ने बिना किसी जांच के एक रुपए के पर्चे पर मोहर लगाकर कोरोना नेगेटिव होने का प्रमाण पत्र जारी कर दिया है। रईस ने खुलासा किया कि किसी की भी जांच नहीं हुई है, सभी को रेवड़ी की तरह प्रमाण पत्र बांटे गए हैं। यह हाल सिर्फ कैसरगंज का ही नहीं पूरे जिले के अस्पतालों का है। इस खुलासे के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राकेश मोहन श्रीवास्तव से इस मामले में बात करने की कोशिश की गई। लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।

जिस तरह से मतगणना एजेंटों को कोरोना नेगेटिव प्रमाण पत्र शनिवार को रेवड़ी की तरह बांटे गए हैं उससे तय है कि कोरोना संक्रमण और तेजी से फैलेगा। अब गांव के लोगों को भी भगवान का ही भरोसा है।

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