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उप्र में चलेगी देश की पहली रैपिड ट्रेन, 45 मिनट में पूरा होगा मेरठ से दिल्ली का सफर
मेरठ। केंद्र और प्रदेश सरकार की विकास परियोजनाएं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में परवान चढ़ रही है। 2024 तक पूरे क्षेत्र की सूरत बदल जाएगी। देश की पहली रैपिड ट्रेन दिल्ली-मेरठ के बीच चलनी शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही गंगा एक्सप्रेसवे पर भी काम शुरू हो गया है। लंबे समय तक विकास से अछूता रहे पश्चिमी उत्तर प्रदेश इस विकास पथ पर अग्रसर है। 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद से ही विकास परियोजनाओं को पंख लग गए और तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं। 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले पूरे बनने वाले ईस्टर्न पैरीफेरल एक्सप्रेसवे का काम 2014 में मोदी सरकार ने शुरू कराया और रिकॉर्ड समय में इसे पूरा कराया गया। इसके बनने से हरियाणा, पंजाब से आने वाले वाहन दिल्ली में प्रवेश किए गए उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड जाने लगे हैं।
मेरठ-बुलंदशहर एनएच-235 पर तेजी से हुआ काम
मेरठ-बुलंदशहर नेशनल हाईवे-235 का पुनर्निर्माण होने से बिना जाम से जूझे लाखों वाहन फर्राटा भर रहे हैं। इस हाईवे का काम भी नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद शुरू हुआ और जल्दी ही पूरा हो गया। 62 किलोमीटर लंबा यह प्रोजेक्ट 686 करोड़ रुपए की लागत से पूरा किया गया है। 62 किलोमीटर लंबे इस हाईवे पर चार स्थानों पर बाईपास बनाए गए हैं। मेरठ से हापुड़ जाने के लिए कोई टोल टैक्स वाहनों द्वारा नहीं दिया जा रहा। सिर्फ बुलंदशहर जाने के लिए टोल टैक्स दिया जा रहा है।
केवल 45 मिनट में मेरठ से दिल्ली का सफर
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के जरिए मेरठ से दिल्ली का सफर केवल 45 मिनट में पूरा होने लगा है। यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट यूपीए सरकार में विचाराधीन पड़ा था, जिसे नरेंद्र मोदी सरकार और उप्र की योगी सरकार के कारण अंजाम तक पहुंचाया जा सका। दिल्ली से गाजियाबाद, नोएडा और मेरठ को जोड़ने वाला यह बड़ा प्रोजेक्ट है।
देश की पहली रीजनल रैपिड ट्रेन
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट 32 हजार करोड़ रुपए की लागत से देश की पहली रीजनल रैपिड ट्रेन का कार्य दिल्ली-मेरठ के बीच चल रहा है। पहले चरण में मार्च 2023 में साहिबाबाद से दुहाई के बीच रैपिड ट्रेन का सुचालन शुरू हो जाएगा। इसके लिए दुहाई में रैपिड ट्रेन के रैक पहुंच चुके हैं और जल्दी ही इसका ट्रायल शुरू होने वाला है। रैपिड ट्रेन को लेकर लगातार प्रयास में जुटे मेरठ के सांसद राजेंद्र अग्रवाल बताते हैं कि इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के पूरा होने से मेरठ समेत आसपास के जिलों की तस्वीर बदल जाएगी। विकास के तमाम प्रोजेक्ट मेरठ में शुरू हो रहे हैं। केवल 55 मिनट में मेरठ से दिल्ली रैपिड ट्रेन से पहुंच सकेंगे। 2024 तक समय से पहले ही दिल्ली से मेरठ तक रैपिड ट्रेन चलने लगेगी। इसी ट्रैक पर मेरठ के मोहिउद्दीनपुर से मोदीपुरम तक मेट्रो ट्रेन चलाई जाएगी।
सोनीपत से गढ़मुक्तेश्वर हाईवे हो रहा तैयार
हरियाणा के सोनीपत से बागपत, मेरठ होते हुए हापुड़ जनपद के गढ़मुक्तेश्वर तक नेशनल हाईवे को तैयार किया जा रहा है। सोनीपत से मेरठ तक नेशनल हाईवे 709ए बनकर तैयार हो रहा है और यहां पर वाहन फर्राटा भर रहे हैं। अब मेरठ से गढ़मुक्तेश्वर तक चार लेन का नेशनल हाईवे तेजी से तैयार किया जा रहा है। इस हाईवे को दिसंबर 2024 तक तैयार करना है। 2068 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले 50 किलोमीटर लंबे इस हाईवे पर वाहन चालकों को जाम से नहीं जूझना पड़ेगा। इससे लखनऊ तक जाना आसान हो जाएगा।
गंगा एक्सप्रेस वे पर शुरू हुआ काम
मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाले गंगा एक्सप्रेस वे का मेरठ में काम शुरू हो गया है। मेरठ के बिजौली से शुरू होने वाले पक्का निर्माण शुरू हो गया है। इस समय पुलिस और अंडरपास बनाने का काम शुरू हुआ है। जल्दी ही मुख्य निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएंगे। प्रदेश सरकार की मंशा 2025 तक इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण पूरा करना है। बिजौली गांव के पास एक्सप्रेस-वे को मेरठ-बुलंदशहर एनएच-235 से मिलाने के लिए इंटरचेंज का काम भी शुरू हो गया है।
मेरठ-बिजनौर पौड़ी हाईवे पर भी जल्द वाहन भरेंगे फर्राटा
मेरठ से उत्तराखंड के पौड़ी तक एनएच-119 के चौड़ीकरण काम भी तेजी से चल रहा है। इससे उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड का सफर आसान हो जाएगा। 126 किलोमीटर लंबे मेरठ से नजीबाबाद तक के हाईवे का काम दिसंबर 2023 तक पूरा होने की संभावना है। इसके बाद 36 किलोमीटर के मार्ग में वन सेंचुरी क्षेत्र होने के कारण समस्या आ रही है। केंद्र सरकार के स्तर पर इस मामले को हल कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।