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प्राचीन जीवन शैली से दूरी बीमारियों को दे रहा बढ़ावा
प्रयागराज:- राष्ट्रीय सेवा योजना इलाहाबाद विश्वविद्यालय और वीगन आउटरीच संस्था के संयुक्त तत्वाधान में 'फ़ूड-प्लेनेट-हेल्थ' विषय पर राष्ट्रीय आनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार में विशिष्ट वक्ता के रूप में लोगों को सम्बोधित करते हुए इलाहाबाद विश्विद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. राजेश कुमार गर्ग ने कहा कि कहा कि हम अपनी प्राचीन पौध आधारित जीवनशैली को भूलते जा रहे हैं जिससे विभिन्न बीमारियां बढ़ रही हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राष्ट्रीय सेवा योजना, उत्तर प्रदेश शासन के राज्य संपर्क अधिकारी एवं विशेष कार्याधिकारी डॉ. अंशुमाली शर्मा जी ने सभी से पशु उत्पादों का इस्तेमाल यथासंभव कम कर पौध-आधारित भोजनचर्या अपनाने की अपील की।
कार्यक्रम में लोगों के सम्मुख अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्य वक्ता वीगन आउटरीच के प्रभारी अभिषेक दुबे जी सभी से पौध आधारित जीवनशैली अपनाने का अनुरोध किया। कार्यक्रम में भोजन के पर्यावरण, स्वास्थ्य और पशु-पक्षियों से संबंध की चर्चा हुई और वर्तमान ओद्योगिक पशुपालन के वजह से मानव स्वास्थ्य, पर्यावरण और पशु-पक्षियों को हो रहे नुकसान को रोकने के लिए पौधों पर आधारित जीवनशैली अपनाने की आवश्यकता को समझाया गया।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. राजेश कुमार गर्ग ने बताया कि इस वेबिनार में लगभग 960 स्वयंसेवकों ने नामांकन किया है। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कार्यक्रम अधिकारी सुरभि त्रिपाठी ने वक्ताओं द्वारा दी गई जानकारियों को बहुत ही आवश्यक और लाभदायक बताया।
स्वयंसेविका सृष्टि त्रिपाठी ने अपने उद्बोधन में कहा कि पशु उत्पादों के लिए पशु-पक्षियों के साथ हो रहे क्रूर व्यवहार व इससे मानव स्वास्थ्य व पर्यावरण को हो रहे नुकसान के बारे में तमाम जानकारियों के साथ ये वेबिनार आंख खोलने वाला था। सभी को यथासंभव प्रकृति आधारित नैसर्गिक जीवनशैली अपनाना चाहिए।