अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस : नवजात बच्चियों के साथ जिलाधिकारी ने काटा केक

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस : नवजात बच्चियों के साथ जिलाधिकारी ने काटा केक
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बांदा। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च के उपलक्ष्य में जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने महिला जिला अस्पताल में मंगलवार को आठ बच्चियों को जन्म दिए हुए माताओं के साथ उनका जन्म दिन मनाया। नवजात बच्चियों की दादियों के साथ केक काटकर बच्चियों का भव्य जन्मोत्सव में अधिकारीगण उपस्थित रहे। खुशी में सोहर गीत भी गाए गए।

जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने कहा कि बच्चियां हमारे लिए अभिशाप नहीं वरदान है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य पर मंगलवार कों डीएम ने संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार की जितनी भी योजनाएं हैं उन सभी का लाभ दिलाया जाएगा। इसके पहले इस सत्र में 2500 के लगभग बच्चियों ने जिला महिला अस्पताल में जन्म लिया है। उन सभी को बहुत सारे लाभ दिया जा चुके हैं। इनके माता-पिता, दादा-दादी को यह एहसास होने लगा है। कि यह बच्चियां हमारे लिए अभिशाप नहीं बल्कि एक वरदान है। इनके आते ही केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ढेर सारी योजनाओं की बौछार होने लगी है। उनको महसूस होने लगा है यह बच्चियां हमारे लिए अभिशाप नहीं बल्कि देवी हैं, परी है। आखरी में डीएम के सामने जन्म ली हुई बच्चियों की माताएं व उनकी दादियों ने सोहर गीत गाकर खुशियां मनाई। बच्चियों को नवेली बुंदेली कार्यक्रम का आयोजन का भव्य शुभारंभ 25 दिसंबर से निरंतर चलाया जा रहा है।

मानवोदय संस्थान ने किया जागरूक -


गिरवां इंटर कालेज प्रांगण में कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती मां की प्रतिमा के समक्ष मुख्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर किया। छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन मानवोदय संस्थान के विमलेश त्रिपाठी ने किया। समाजसेवी डॉ जनार्दन त्रिपाठी ने महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता एवं महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए मातृशक्ति का जागरूक एवं आत्मनिर्भर होना आवश्यक है। तभी महिलाएं अपने अधिकारों के लिए प्रभावशाली ढंग से पैरवी कर सकती हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही अर्चना मिश्रा ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की अवधारणा को भारतीय संस्कृति के परिप्रेक्ष्य में देखे जाने की आवश्यकता है। पाश्चात्य दृष्टिकोण हमारे लिए प्रासंगिक नहीं है। महिला सशक्तिकरण के मूल तत्व भारतीय संस्कृति में निहित है। उप जिलाधिकारी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के इतिहास को समझना चाहिए। डीडीएम नाबार्ड ने महिला समूहों के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण की अवधारणा को प्रस्तुत किया। गिरवां इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डा. गणेश शंकर द्विवेदी ने इसी तरह के आयोजन की उपादेयता के संबंध में प्रकाश डाला। कार्यक्रम में डा. राजकुमारी द्विवेदी, दिवारी कलाकार रमेश प्रसाद पाल, सुशील मिश्र एडवोकेट ने भी विचार व्यक्त किए।

इनसेटइस वर्ष की थीम- एक स्थायी कल के लिए आज लैंगिक समानता है


डा. एपीजे अब्दुल कलाम मेमोरियल स्कूल बदौसा में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय अध्यक्ष सावित्री बाई फूले महिला अधिकार संघ की उमा कुशवाहा नें कहा आया समय, उठो तुम नारी, युग निर्माण तुम्हें है करना राजनीति हो या फिर मनोरंजन जगत, खेल हो या रक्षा मंत्रालय हर क्षेत्र में हम महिलाओं नें परचम लहराया है।

बदौसा कस्बे में परिवर्तन ग्रुप, सीएचएसजे नई दिल्ली एवं ग्रीन एण्ड हैपी इंडिया ट्रस्ट बदौसा द्वारा डा. एपीजे अब्दुल कलाम मेमोरियल स्कूल बदौसा के प्रिंसिपल अहसान अली की अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित किया गया। बतौर मुख्य अतिथि उमा कुशवाहा नें कहा महिलाएं समाज का अभिन्न अंग हैं। महिलाओं के बिना राष्ट्र और समाज का निर्माण नहीं हो सकता है। महिलाएं आज घर परिवार संभालने के साथ ही देश को भी संभाल रही हैं। हर क्षेत्र में महिलाओं का दबदबा है। राजनीति हो या फिर मनोरंजन जगत, खेल हो या रक्षा मंत्रालय हर क्षेत्र में महिलाओं नें परचम लहराया है। महिलाओं की इसी उपलब्धि, उनकी उपयोगिता और उनके कार्य को सम्मान देने के लिए हर साल 8 मार्च को विश्व महिला दिवस के रुप में मनाया जाता है। इसकी शुरुआत संयुक्त राष्ट्र नें 1975 और संयुक्त राष्ट्र महासभा नें 8 मार्च 1877 को महिलाओं के अधिकारों और विश्व शांति के लिए अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रुप में घोषित किया था। तब से संयुक्त राष्ट्र संघ इस दिवस को मना रहा है। हर साल इसकी थीम तय की जाती है। इस साल की थीम है 'जेंडर इक्वैलिटी फॉर ए सस्टेनेबल टुमारो' यानी एक स्थायी कल के लिए आज लैंगिक समानता है। विद्यालय के प्रिंसिपल अहसान अली नें अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा दुनिया भर में महिलाओं के लिए यह दिन खास तरीके से मनाते हैं। जिसमें लोग महिलाओं के लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। सम्मान के साथ ही उनके अधिकारों को लेकर जागरूकता अभियान भी चलाते हैं। जैसे परिवर्तन टीम द्वारा हमारे बच्चों के साथ लगातार प्रशिक्षण चला कर जागरुक किया जा रहा है। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह में विद्यालय के शिक्षक शिवानी उपाध्याय, काजल तिवारी, अजय गुप्ता, हारुन खान, शुशील कुमार, पंकज गुप्ता व इमाम अली, अभिभावक व विद्यार्थी मौजूद रहे।

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