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फेक एम्बुलेंस प्रकरण: मुख्तार की 'साथी' डॉक्टर अल्का रॉय और शेषनाथ गिरफ़्तार
बाराबंकी: मुख़्तार की फेक एम्बुलेंस के प्रकरण में मंगलवार को मऊ जनपद से बाराबंकी पुलिस ने दो लोगो को गिरफ्तार कर लिया। फ़र्ज़ी दस्तावेजो के आधार पर 2013 से जन उपयोग की जगह निजी उपयोग में लाये जाने और इसकी पुलिस में शिकायत नहीं किये जाने से मऊ के संजीवनी अस्पताल की चिकित्सक व उसके सहयोगी को गिरफ्तार करके बाराबंकी लाकर कोर्ट में पेश किया।
पंजाब प्रान्त में मुख़्तार अंसारी की पेशी के दौरान बाराबंकी की एम्बुलेंस के मामले में शुरू हुई जाँच में उसके फ़र्ज़ी कागजात के जरिये एम्बुलेंस निकलवाने की बात सामने आ चुकी है।
पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद द्वारा गठित एसआईटी टीम की जाँच मे एम्बुलेंस के फ़र्ज़ी रजिस्ट्रेशन से लेकर बाहुबली विधायक मुख़्तार अंसारी द्वारा लगातार निजी कार्यो में प्रयोग में लाये जाने की कड़ी में लगातार सहयोग करने वालो के तार किस हद तक जुड़े है। इन सभी पहेलुओ पर पुलिस ने गहनता से जाँच करने के बाद अब तक तीन लोगो को गिरफ्तार कर चुकी है।
एम्बुलेंस के मामले में सबसे पहले मऊ जिले के संजीवनी अस्पताल का नाम सामने आया था। जिसके बाद वहां की डॉ. अल्का रॉय और एम्बुलेंस के गारंटर रहे उनके भाई शेषनाथ रॉय को पूरी छानबीन के बाद पुलिस गिरफ्तार करके जनपद ले आयी। इससे पूर्व राजनाथ यादव की इस मामले में गिरफ़्तारी की जा चुकी है।
मुख़्तार के कहने पर खरीदी गयी एम्बुलेंस - एसपी
पुलिस अधीक्षक ने कहा की मुख़्तार के कहने पर ही एम्बुलेंस को खरीदा गया। संजीवनी अस्पताल के नाम पर खरीदे जाने और वहां के कागज़ात लगाये जाने की पुष्टि हो गयी है। एम्बुलेंस का जनसेवा से कोई सरोकार नहीं था। बीते 8 वर्षो में डॉ. अल्का राय ने पुलिस में कोई शिकायत नहीं करना उन्हें जालसाज़ी में शामिल करता है। मुख़्तार अंसारी के लगातार एम्बुलेंस प्रयोग की बात पहले ही सामने आ चुकी है। लेकिन अल्का रॉय ने इसकी पुलिस में कोई शिकायत नहीं की। एम्बुलेंस के कागजात बनवाने वाले अन्य लोगो को भी जल्द गिरफ्तार किये जाने की बात एसपी ने कही।