बहराइच: प्रशासनिक 'खेल' से ग्राम पंचायत बिसैंधा का प्रधान निर्विरोध

बहराइच: प्रशासनिक खेल से ग्राम पंचायत बिसैंधा का प्रधान निर्विरोध
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पीड़ित सीतापति व रामावती ने मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश व जिलाधिकारी बहराइच को प्रार्थना पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई है। एक पक्ष का आरोप है कि मतदाता सूची में नाम दर्ज होने‌ के बाद भी उसका नामांकन रद्द करके दूसरे पक्ष को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया है, जो कि अवैधानिक है।

बहराइच: प्रशासनिक दांव पेंच के खेल से प्रधान पद के दो उम्मीदवारों के नामांकन ख़ारिज कर दिये गये। जिससे तीसरे उम्मीदवार का निर्विरोध निर्वाचित होना तय हो गया है। जिले के कैसरगंज विकासखंड अन्तर्गत ग्राम पंचायत बिसैंधा में ग्राम प्रधान के चुनाव में हुए निर्विरोध निर्वाचन को लेकर भ्रष्टाचार और धांधली का आरोप लगाया गया है।

पीड़ित सीतापति व रामावती ने मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश व जिलाधिकारी बहराइच को प्रार्थना पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई है। एक पक्ष का आरोप है कि मतदाता सूची में नाम दर्ज होने‌ के बाद भी उसका नामांकन रद्द करके दूसरे पक्ष को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया है, जो कि अवैधानिक है।

प्रार्थना पत्र में यह आरोप लगाया है कि पंचायत निर्वाचन नामावली अंतिम मतदाता सूची 2021 में विकासखंड कैसरगंज जनपद बहराइच की सूची में निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/सहायक निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी बहराइच की ओर से मतदाता क्र.स.1से 1491 तक सूची जारी की गयीं। जिसमें प्रार्थिनी का नाम ग्राम पंचायत बिसैंधा वार्ड सं. - 10 मतदान केन्द्र सं. 67 मतदान स्थल 194के क्रम संख्या1489 पर दर्ज है और मतदान संख्या 125/126 भी अंकित है।




पीड़िता ने बताया कि ग्राम सभा बिसैंधा में महिला अनुसूचित जाति हरिजन महिला सीट प्रधान पद के लिए आरक्षित थी। इसी क्रम में उसने दिनांक 18 अप्रैल को प्रधान पद के लिए पर्चा दाखिल किया था। जिसमें पर्चा दाखिल करने के दौरान सम्बंधित अधिकारी के द्वारा पर्चे की विधिवत जांच की गयीं और सही पाया गया। प्रत्याशी सीतापति पत्नी सतगुरु व रामावती पत्नी अनिल कुमार ने चालान के माध्यम से एक हजार रुपए फीस भी जमा कर दिया था। परन्तु विकास खंड कैसरगंज के अधिकारी/कर्मचारी ने प्रतिवादी को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से मिलीभगत करके जारी निर्वाचन सूची2021 में छेड़छाड़ कर पंचायत निर्वाचन नामावली में अंकित नामों को साजिश के तहत फर्जी तरीक़े से प्रत्याशी सीतापति व रामावती का नाम विलोपित की सूची में डलवा दिया। जिससे प्रार्थिनी प्रधान पद का चुनाव न लड़ सके।



इस सम्बन्ध में राजस्व निरिक्षक कैसरगंज के द्वारा दिनांक 20 अप्रैल 2021को अपनी आख्या अंकित किया की कि इनका नाम मतदाता सूची की क्रमांक संख्या 1489 पर प्रथम अनुपूरक सूची ग्राम पंचायत बिसैंधा में विलोपित अंकित है जो विलोपन मेरे संज्ञान में नहीं है और न ही मेरे द्वारा विलोपन के लिए कोई सूची प्रस्तुत की गयी है।नाम अंकित करते हुए मतदाता सूची में सम्मिलित किये जाने की भी रिपोर्ट दी गयी है। जिसको नायब तहसीलदार कैसरगंज व तहसीलदार कैसरगंज की ओर से अग्रसारित भी किया गया है।

समस्त तथ्यों के बावजूद विकासखंड कैसरगंज के सभी कर्मचारी व अधिकारी आपस में मिलीभगत करके प्रतिवादी को लाभ पहुंचाने के लिए प्रयास कर रहे है।सीतापति पत्नी सतगुरु व रामावती पत्नी अनिल कुमार ने बताया कि विपक्षी दबंग किस्म के लोग है और इनकी ऊंची पहुंच भी है और अपनी ऊँची पहुंच का फायदा उठाते हुए रातों रात मतदाता नामावली से नाम हटवा कर पर्चा खारिज करवा दिया। वे अपने नौकर की पत्नी बिटाना पत्नी लालता को निर्विरोध निर्वाचित कर प्रधान घोषित कर रहे है। उक्त दबंग व्यक्तियों की ओर से अपने दबंगई के बल पर मतदाताओं के मत जबरदस्ती छपवा लेते हैं।

वहीं कुछ ग्रामीणों ने बताया कि ये लोग हम लोगों से भी जबरदस्ती वोट डलवाते हैं और अगर कोई मना करता है तो हम लोगों के रस्सी से हाथ पैर बांधकर कूएँ में लटका देते हैं। जान से मारने की भी धमकी देते हैं। वहीं पीडि़त प्रधान पद उम्मीदवार ने बताया कि हम लोगो ने जब पर्चा भरा था तब से हमारे घर वालों को और हमको घर पर व घर के बाहर धमकाते हैं और अवैध असलहा कनपटी पर रखकर जान से मारने की धमकी देते हैं। दबंग समाजवादी पार्टी के नेता है। और इनकी ऊंची पहुंच भी है।

वहीं इस संबंध में कैसरगंज बीडीओ संदीप सिंह का कहना है कि नामंकन ख़ारिज किये गये लोगों ने पुरानी लिस्ट लगाकर नामंकन दाखिल किया था। इनका नाम अपमार्जन लिस्ट में था जिसके चलते नामांकन ख़ारिज हुआ है। राजस्व निरीक्षक की आख्या के मामले पर वीडीओ ने बोलने से किनारा कसा।

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