चाइनीज को टक्कर देंगे गोबर के दीए

चाइनीज को टक्कर देंगे गोबर के दीए
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झांसी। महानगर में दीपावली के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। बाजारों में चाइनीज दीयों सहित कई प्रकार के दीयों की भरमार है। इन सबके बीच जो दीए सबसे ज्यादा चर्चा में हैं वह गोबर के दीए हैं। नगर निगम के कान्हा उपवन में बनाए जा रहे गोबर के दीए लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। जैविक प्रक्रिया से तैयार हुए यह दीए आस्था के साथ ही पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश देते हैं। कान्हा उपवन में लाई गई निराश्रित गौवंश के गोबर से तैयार यह दीए अपने आप में एक अनूठी मिसाल है।

कान्हा उपवन में एकत्र हुए गोबर को सबसे पहले सुखाया जाता है। इसके बाद इस गोबर को पीसा जाता है। जो चूरा तैयार होता है उसमें एक खास केमिकल मिलाया जाता है। इस मिश्रण को आटे की तरह गूंधा जाता है। फिर अलग-अलग डिजाइन के सांचों में डालकर इसे आकार दिया जाता है। यहां गोबर के दीए के आलावा शुभ-लाभ, ओम, श्री और स्वास्तिक के निशान बनाए गए हैं। इसके साथ ही गणेश लक्ष्मी की अलग-अलग डिजाइन की मूर्तियां भी यहां तैयार की गई हैं। कई डेकोरेटिव आइटम्स जैसे की घड़ियां भी यहां तैयार की गई हैं।

नगर निगम के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ राघवेंद्र निरंजन ने बताया कि झांसी में बड़ी संख्या में लोग दूध ना देने वाले गौवंश को सड़क पर छोड़ देते हैं। ऐसी सभी गायों को यहां लाया जाता है। यहां इकट्ठा होने वाला गोबर एक बड़ी समस्या बन गया था। लेकिन, अब इस गोबर का इस्तेमाल करके कई चीजें बनाई जा रही हैं। यहां गोबर के लट्ठे भी बनाए जा रहे हैं। इसके साथ ही चाइनीज दीयों को टक्कर देने के लिए रेडी टू यूज दीए भी बनाए गए हैं। इसमें दीयों में मोम भर दिया गया है। इसको सिर्फ जलाना होगा। इन सभी चीजों को नगर निगम में स्टॉल लगाकर बेचा जाएगा।

नगर निगम मुख्य द्वार पर गोबर से निर्मित लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा की बिक्री शुरु

नगर निगम प्रशासनिक भवन के मुख्य द्बार पर कान्हा उपवन नगर निगम द्वारा गौमय उत्पाद, गाय के गोबर से निर्मित दीपावली के त्योहार के लिए लक्ष्मी, गणेश की प्रतिमा, स्वास्तिक, शुभ, लाभ एवं 11 छोटे दीयो की बिक्री के लिए स्टॉल लगाया गया है। जहां पर खरीददारों के लिए लोगों की भीड़ आना शुरू हो गई। स्टॉल का नगर आयुक्त सत्य प्रकाश ने निरीक्षण किया। अगर कोई व्यक्ति उक्त सामग्री को खरीदना चाहता है तो वह नगर निगम में लगे स्टॉल से खरीद सकते है।

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