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योगी सरकार की गायों को जिंदा दफन करने वालों पर बड़ी कार्यवाही, ईओ निलंबित
बांदा। उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में गोवंशों को जिंदा दफन करने के मामले को शासन ने गंभीरता से लेते हुए इस मामले में प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए नगर पंचायत नरैनी के अधिशासी अधिकारी (ईओ) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। वहीं इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी ने मौका मुआयना करके घटना को शर्मनाक बताते हुए पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
नगर पंचायत नरैनी क्षेत्र के मोतिहारी मंडी से लगभग डेढ़ सौ गायों को 8 ट्रकों में भरकर मध्य प्रदेश के पहाड़ी खेरा के जंगल में छोड़ दिया गया था। इन्हें ट्रकों में ठूंस ठूंस कर भरा गया था जिससे कई गायों की मौत हो गई और कई बुरी तरह जख्मी हो गईं। जिन्हें जेसीबी मशीन के जरिए पत्थर और मिट्टी में जिंदा दफन कर दिया गया था। अगले दिन जब इस मामले का खुलासा गौ सेवकों ने किया तो क्षेत्र में हड़कंप मच गया। प्रशासन भी बचाव की मुद्रा में आया, लेकिन विभिन्न हिंदू संगठनों ने लामबंद होकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सड़क पर जाम लगा दिया था। इसके बाद जिला अधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी को जांच अधिकारी नामित करते हुए 2 दिन के भीतर जांच के बाद कार्यवाही का आश्वासन दिया था। इधर यह मामला शासन तक पहुंचा और जो रिपोर्ट जिलाधिकारी ने शासन को भेजी उसके आधार पर नगर निकाय निदेशालय उत्तर प्रदेश लखनऊ के उपसचिव राजेंद्र मणि त्रिपाठी ने नगर पंचायत नरैनी के अधिशासी अधिकारी अमर बहादुर सिंह को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया।
इस बीच आज भी विभिन्न सामाजिक एवं राजनीतिक संगठनों के कार्यकर्ता घटनास्थल पर पहुंचे और गायों को जिंदा दफन करने के मामले को शर्मनाक बताया। इसी तरह विश्व हिंदू महासंघ गौ रक्षा समिति के पदाधिकारियों ने भी मौके का निरीक्षण किया। हिंदू महासंघ मातृशक्ति की प्रदेश उपाध्यक्ष एवं नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष विनोद जैन ने कहा कि इस घटना के बारे में प्रदेश के मुख्यमंत्री से मिलकर अवगत कराया जाएगा और घटना में शामिल लोगों को लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जाएगी।