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शनिदेव मन्दिर में दीपक जलाने से पूर्ण होती है हर मनोकामना
जमुनहा। कहते है कि शनिदेव की कुदृष्टि जिसपर हो जाये वह कंगाल हो जाता है वही इनकी कृपा जिसपे होती है वह मालामाल हो जाता है धार्मिक किताबो के अनुसार भारत देश के महाराष्ट्र प्रदेश में अहमद नगर जिले में शिगड़ापुर नामक गाँव मे शनिदेव की महिमा देखी जाती है जहाँ पर आज भी किसी भी घर व दुकानों में कुंडी नही लगाई जाती है,भक्तों के अनुसार वहाँ पर आज भी शनिदेव आते हैं,जो पूरे गाँव की रक्षा करते हैं।
टीवी सीरियल व धार्मिक किताबो के गुणगान से आज देश के विभिन्न शहरों में व धार्मिक स्थलों पर शनिदेव की महिमा बढ़ रही है इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के सबसे छोटे जिले श्रावस्ती के तहसील व ब्लाक जमुनहा के ग्राम पंचायत जमुनहा भवनियापुर में सैकड़ों साल पुराने धार्मिक स्थल भठ्ठा कुट्टी स्थान पर शनिदेव भगवान की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा लगभग 2 वर्ष पूर्व की गई है, जहाँ अब हर शनिवार को सैकड़ों भक्तों का दर्शन के लिए तांता लगता है।
जानकारों के मुताबिक भट्ठा कुट्टी स्थान पर जमुनहा के राजा हीरा सिंह के समय मे जमुनहा बाजार के वैश्य(बनिया) बिरादरी के प्रथम स्थानधारी बाबा हुए जिनका नाम पड़ा बाबा रतनदास जो कि अपने पारिवारिक जीवन के मोह को त्याग कर जमुनहा बाजार व ग्राम पंचायत मनकौरा के बगल सटे हुए जंगल मे जाकर भट्ठा कुट्टी स्थान की स्थापना की जानकारों के अनुसार शुरुआत में बाबा रतनदास ने सात दिनों तक भूखे प्यासे रहकर प्रभू का गुड़गान करते रहे उसके बाद आस-पास के क्षेत्रीय लोगो को पता चला कि किसी साधू ने भट्ठा कुट्टी पर अपना आसन बनाया है। उसके बाद धीरे-धीरे इस स्थान की महानता बढ़ती गई और जो भी भक्त सच्चे मन से भट्ठा कुट्टी स्थान पर अपनी अरदास लगाता है,तो उसकी मुरादे जरूर पूरी होती हैं।
आज के समय में भठ्ठा कुट्टी स्थान पर साल में दो बार रामनवमी व जेष्ठ दशहरा का मेला लगता है जहाँ सैकड़ों मील दूर से भक्त अपनी मुरादे लेकर आते हैं बहराइच जिले के मिहीपुरवा क्षेत्र में बाबा के लाखों भक्त हैं इस स्थान पर दूसरे स्थान धारी बाबा हुए बाबा केशव दास जिन्होंने प्रभू का गुणगान करते हुए लगभग 120 वर्ष की उम्र में रामनवमी के दिन अपने शरीर को त्याग कर गौलोक चले गए। उसके बाद स्थान धारी बाबा हुए गरीब दास जो अभी भी लगभग 75 वर्ष की आयु में प्रभू की सेवा कर रहे हैं बुजुर्गों के अनुसार जो भी भठ्ठा बाबा के दरबार मे सच्चे मन से फरियाद लगाता है उसकी सभी मुरादे पूरी होती है वहीं इसी स्थान पर ब्रह्मदेव बाबा के नीचे बने शनिदेव मन्दिर पर हर शनिवार को भक्तो का तांता लगता है। हर कोई सरसों के तेल से 11 दीपक जलाकर शनिदेव की कृपा पाने को आतुर है।