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खदानों में रोज होता ओवरलोड बना परेशानी का सबब
बांदा। मतदान के बाद अभी जब मतगणना की तैयारी चल रही है जिसके चलते चुनावी खुमारी अभी तक नहीं उतरी। चलती चुनावी खुमारी का लाभ उठाने की गरज से खनिज खदानों के पट्टाधारकों सहित उनके गुर्गों की भी चांदी कट रही है। दबंगई का आलम इस कदर बढ़ा हुआ है कि खदान धारक जिस तरह चाहते हैं उस तरह खनिज कारोबार को मुकाम तक पहुंचाने के लिए अंजाम देते हैं। अभी अछरौड़ बस्ती के अंदर से अछरौड़ खदान नंबर एक के खनिज को ट्रकों में लादकर निकालने का मामला जहां तुल पर था और अभी तक उसका कोई सही हल नहीं निकला तो पैलानी क्षेत्र के अंतर्गत चलने वाली अमलोर खदानों का भी मनमानी आलम ऐसे नाच रहा है जिसके दृश्य को देखकर सब आंख खोलकर मौन साधे बैठे हैं।
बुधवार को अमलोर खदान-8 के ओवरलोड लदे बालू के ट्रकों को जब एक महिला ने अपने खेत से ट्रकों की आवाजाही पर रोकथाम लगाने की आवाज उठाई तो खदान संचालक सहित उनके गुर्गों ने खदान तक पहुंची महिला और उसकी नाबालिग पुत्री के साथ अपमानजनक व्यवहार करते हुए कहा कि तुम हमारा कुछ नहीं कर सकते हो महिला के सवाल पर खनिज खदान में बैठे दबंगों की यह भी आवाज निकली बतायी गई उनका कहना है कि हम कानून को रिश्वत देते हैं। बातचीत के बाद स्थानीय पुलिस बुलाकर उनके हवाले कर दिया। फिर क्या था। पुलिस ने अपने तरीके से महिला को डील किया और उसे घर जाकर चुप रहने की सलाह दे डाली। बेचारी महिला घर चली गई। पीड़ित और परेशान महिला ने एक बातचीत के दौरान कहा कि मामले की शिकायत और पुलिस के कारनामों के हाल एसपी और कमिश्नर को बताकर न्याय की फरियाद करुंगी।
जिले में चल रही खनिज खदानों में नियम विरुद्ध किए जाने वाले कारोबार का हाल बेहद दबंगई और मनमानी से भरा है। जहां-जहां खदानें चलती हैं और ओवरलोड ट्रक निकलते हैं उनकों देखकर खनिज खदानों में लगे धर्मकांटा और सीसी टीवी कैमरे भी शर्म से अपनी आंखे नीचे जैसी कर लेते हैं और चालाक खनिज कारोबारी धर्मकांटा और सीसी टीवी कैमरे की निगरानी पर अपना कलात्मक जादू चलाते हुए ऐसे ओवरलोड ट्रक निकालकर आगे की राह पकड़ाते हैं कि सीसी टीवी कैमरे और धर्मकांटे ओवरलोड को अपने आगोश में कैद ही नहीं कर पाते। ओवरलोड ट्रकों की मनमानी का अछरौड़ के बाद एक दूसरा मामला अमलोर खदान नंबर-8 का है। इसमें खदान संचालकों द्वारा एक महिला के खेत से महीनों से ओवरलोड लदे बालू के ट्रक निकालने की शिकायत है।
महिला और उसकी एक नाबालिग पुत्री जब खेत से निकाले जा रहे बालू भरे ओवरलोड ट्रकों को निकासी बंद करने के लिए खदान संचालक के यहां पहुंची तो वहां पर खदान पट्टाधारक सहित उनके मंटू टाइप के कुछ गुर्गे मौजूद थे। जिन्होंने महिला के साथ अपामानजनक व्यवहार करके नाबालिग पुत्री को भी अपमानित किया। पुत्री की मां ने बताया कि कई महीने से हमारे खेतों से बालू भरे ट्रक निकलते हैं। रोकने पर तरह-तरह की खदान वाले बाते करते हैं। बुधवार के दिन जब हम खदान पहुंचकर रोकने के लिए गए तो उस वक्त खदान में बैठे संचालक और उनके गुर्गों ने मिलते-जुलते सुरों में कहा कि हम कानून को रिश्वत देते हैं और हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। बातों ही बातों में खदान संचालकों सहित गुर्गों का पावर इतना तेज चला कि स्थानीय पुलिस खदान आ गई और पीड़ित परेशान महिला और उसकी पुत्री को थाने लिवा ले गई। लगभग दो घंटे तक थाने में पुलिस ने पुलिसिया कथा सुनाई और अंत में भय दिखाकर उसको घर जाकर चुप बैठने के लिए कहा।
महिला ने आपबीती बताते हुए यह भी कहा कि जब हमारी पुलिस ने नहीं सुनी तो हम अपने साथ घटी घटना का किस्सा एसपी और कमिश्नर को सुनाएंगे। न्याय की फरियाद लिए घूम रही महिला इन दिनों यहां परेशान है। जब पैलानी थानाध्यक्ष से इस प्रकरण को लेकर बातचीत की गई तो उनका कहना है कि उपजे भूमि विवाद को लेकर एसडीएम से बातचीत की गई। उन्होंने राजस्व टीम भेजकर विवादित रकबा की नाप कराई। जिसमें उक्त महिला का कब्जा विवादित रकबे में नहीं है। विवादित रकबे में कई लोगों के नाम है। महिला और उसकी पुत्री के साथ कोई अभद्र व्यवहार नहीं किया गया। समझाबुझाकर भेज दिया गया है। थानाघ्यक्ष ने यह भी बताया कि रास्ता को रोकने के लिए महिला द्वारा फावड़े से खोद दिया गया है। फिर भी जांच पड़ताल कराई जा रही है अगर उसके कब्जे वाले रकबे से ओवरलोड ट्रक निकलते हैं तो कानूनी कार्यवाही की जाएगी।