35 करोड़ जुर्माना, नोटिस और बुलडोजर: ट्रस्ट की भूमि पर बने शोरूम का ध्वस्तीकरण अब भी अधर में, हाईकोर्ट में मिली नई तारीख…

ट्रस्ट की भूमि पर बने शोरूम का ध्वस्तीकरण अब भी अधर में, हाईकोर्ट में मिली नई तारीख…
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सरकारी भूमि हड़पने वाले उद्योगपति सत्ता दल और उसकी मातृसंस्था के भारी भरकम लोग मुख्य अतिथि बना थाम देते बुलडोजर के चक्के, हाईकोर्ट में लगवा देते नई तारीख

हरदोई। सोमवार को रसखान प्रेक्षागृह में सेवानिवृत्त आईएएस और संस्थापक प्रबंध न्यासी राधेश्याम अग्रवाल की जयंती और ज्ञानयोग परमार्थ ट्रस्ट के स्थापना दिवस पर सारस्वत सम्मान और काव्य गोष्ठी की सूरत में ’हरदोई की एक शाम हरिओम पवार के नाम’ का आयोजन दोपहर दो बजे से है।

मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक कौशल, विशिष्ट अतिथि जिलाधीश मंगला प्रसाद सिंह और पुलिस अधीक्षक नीरज जादौन हैं। आयोजक सजीव अग्रवाल ’मुन्ना भैया’ पर जनसेवा के लिए आवंटित सरकारी भूमि कूटरचना से अपने पुत्रों यशवर्धन और सूर्यवर्धन को बिक्री का आरोप है।

मामले में राजस्व विभाग 35 करोड़ रुपए का जुर्माना नहीं भरने पर भूमि पर निर्मित कार शोरूम को ध्वस्त करने का नोटिस चस्पा कर चुका है, पर अमल नदारद है, तो समझा जा सकता है काहे ? अमल कराने वाले जिला कलेक्टर ’विशिष्ट’ होंगे खुशी खुशी, तो बढ़ती तारीख और महीने ही जमा होने हैं फाइलों में, जुर्माना या कार्यवाही नहीं।

ट्रस्ट, जंगल, ढाक की भूमि में हेराफेरी कर बनाया कार शोरूम

ज्ञानयोग धर्मार्थ ट्रस्ट और जंगल-ढाक की भूमि पर अवैध शोरूम बनाने के मामले की एक शिकायत पर कांसेप्ट कार्स शोरूम के मालिक सजीव अग्रवाल पर राजस्व विभाग ने 35 करोड़ रूपये से अधिक का जुर्माना ठोका था।

33 बरस से ग्राम पंचायत की जंगल और ढाक की भूमि पर कब्जा, कांसेप्ट कार शोरूम, बाउंड्रीवाल और पक्का निर्माण के दृष्टिगत कब्जे वाले क्षेत्रफल के आधार पर राजस्व आगणन के अनुसार 35 करोड़ 04 लाख 60 हजार रुपए का जून में रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) जारी हुई थी। अदायगी न करने पर राजस्व विभाग ने शोरूम पर ध्वस्तीकरण की नोटिस चस्पा कर दी थी।

शिकायकर्ता शरद द्विवेदी प्रकरण हाईकोर्ट ले गए थे। इसके बाद उद्योगपति सजीव अग्रवाल के विरुद्ध कार्यवाही शुरू हुई। 7 जून को कॉन्सेप्ट कार्ड के डायरेक्टर सजीव अग्रवाल के विरुद्ध धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा कर ग्राम पंचायत और ट्रस्ट की जमीन हथियाने का केस दर्ज हुआ था। 10 जून को राजस्व विभाग ने 35 करोड़ से अधिक का जुर्माना लगाया था। जुर्माना राशि की अदायगी नहीं होने पर राजस्व विभाग ने शोरूम पर नोटिस चस्पा कर चेतवानी दी थी, निर्धारित समय में धनराशि सरकारी खाते में जमा नही कराई तो शोरूम ध्वस्त कर दिया जाएगा।

शिकायकर्ता शरद द्विवेदी

ट्रस्ट की जमीन पर दिखाया फ्लोर मिल का कर्जा, बेच दी बेटों को

1987 में सजीव अग्रवाल के पिता राधेश्याम अग्रवाल ने सरकारी भूमि ज्ञानयोग धर्मार्थ ट्रस्ट के लिए आवंटित करा मुफ्त होम्योपैथिक अस्पताल बनाया था। 2010 में सजीव अग्रवाल ने ट्रस्ट की भूमि पर फ्लोर मिल का कर्जा दिखा मां कौशल्या देवी, बेटों यश वर्धन, सूर्य वर्धन, रिश्तेदार प्रदीप अग्रवाल को बैनामा कर दी थी।

इसके बाद मुफ्त अस्पताल को तुड़वा कार शोरूम बनवा लिया। शिकायतकर्ता को सजा मिली और सिटी कोतवाली में उसके विरुद्ध फर्जी मुकदमा लिखा गया। लेकिन, वह टूटा नहीं। 2021 में वह उच्च न्यायालय की शरण मे चला गया। हाईकोर्ट ने आयुक्त से जवाब मांगा, तो उन्होंने जिलाधीश को जांच दी।

प्रकरण में जिलाधीश के आदेश पर भूमि से ट्रस्ट से वापस लेकर ग्राम पंचायत के खाते में दर्ज की जा चुकी है। सजीव अग्रवाल भारी जुर्माने से राहत को सुप्रीम कोर्ट गए, पर वहां से हाईकोर्ट बैरंग कर दिए गए।

बाद इसके 35 करोड़ जुर्माने की वसूली और प्रतिकूल स्थिति में ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की तारीख तय नहीं हो पाई है। अलबत्ता, कलेक्टर ट्रस्टी के मेहमान आज फिर होंगे ही।

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