चित्रकूट में शुरू हुआ हिंदू एकता महायज्ञ, भगवा ध्वज लहराने का किया आह्वान

चित्रकूट में शुरू हुआ हिंदू एकता महायज्ञ, भगवा ध्वज लहराने का किया आह्वान
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चित्रकूट। चित्रकूट में हिंदू एकता महायज्ञ का शुभारंभ विशाल कलश यात्रा से हुआ। मंदाकनी तट रामघाट से दिव्य व भव्य झांकियों के 11 सौ महिलाएं सिर पर कलश लेकर कार्यक्रम स्थल तक पहुंची। कलश यात्रा में लोगों ने पुष्प वर्षा कर हिंदू एकता का संदेश दिया।

चित्रकूट, धरती से अंबर तक भगवा ध्वज लहराने के आह्वान के साथ मंगलवार को चित्रकूट में 'हिंदू एकता महायज्ञ' का शुभारंभ विशाल कलश यात्रा से हुआ। मंदाकनी तट रामघाट से दिव्य व भव्य झांकियों के 11 सौ महिलाएं सिर पर कलश लेकर कार्यक्रम स्थल तक पहुंची। करीब छह किलोमीटर तक विशाल कलश यात्रा में लोगों ने पुष्प वर्षा कर हिंदू एकता का संदेश दिया।


जय श्रीराम के उद्घोष के साथ बेड़ी पुलिया स्थित नए बस अड्डा रानीपुर भट्ट में तीन दिवसीय महाकुंभ का शुभारंभ हनुमत महायज्ञ व रुद्राभिषेक से हुआ। इसके पहले 11 सौ कलश की स्थापना नव कुंडीय गोस्वामी तुलसीदास यज्ञशाला में किया गया। मंगलवार को भगवान श्रीराम की संकल्प भूमि में प्रत्येक हिंदू ने एकता का संकल्प रामघाट में लिया और उसके बाद कलश यात्रा निर्मोही अखाड़ा के पास से शुरू हुई। सबसे आगे चित्रकूट के सातों अखाड़ा के निशानों के साथ संत महंत चल रहे थे। उनके पीछे आजाद हिंद फौज व राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के स्वयं सेवक बैंड बजाते हुए आगे बढ़ रहे थे फिर शंकराचार्य, वनवासी राम लक्ष्मण, भरत माता और जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य की झांकी थी। साथ में 11 सौ महिलाएं पीले रंग का साड़ियों पहने कलश लेकर साथ थी।

दिव्य और विशाल शोभा यात्रा को बांदा के रमेश पाल की देवारी नृत्य करती लोक कलाकारों के टीम व हाथी घोड़ों ने और भव्य बनाया। रामघाट से कार्यक्रम स्थल बेड़ी पुलिया छह किलोमीटर था लेकिन देश को हिंदू एकता का संदेश निकले चित्रकूट के धर्म योद्धाओं का जोश देखते बना। बिना रुके और बिना डिगे बढ़ते रहे। उनका उत्साह बढ़ाने के लिए जगह-जगह लोगों कलश यात्रा में पुष्प वर्षा किया। साथ ही पानी भी पिलाया।


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