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अस्पताल के मुख्यद्वार पर गर्भवती पत्नी को छोड़कर प्रेमिका संग भागा पति
झांसी। महानगर में पति अपनी 2 महीने की गर्भवती पत्नी को छोड़कर प्रेमिका के साथ भाग गया। पत्नी ने जब फोन किया तो बोला-अब मेरा इंतजार मत करना। मैं किसी और का होने जा रहा हूं। पति-पत्नी एक ही गांव के रहने वाले हैं। करीब 2 साल पहले दोनों ने भागकर प्रेम विवाह किया था। पति ने 7 महीने पहले छत से धक्का देकर उसकी रीढ़ की हड्डी तोड़ दी थी। इससे वह चलने फिरने में लाचार हो गई। अब पत्नी अस्पताल में मदद के लिए हाथ फैला रही है। न तो ससुराल वाले उसकी देखभाल करने आ रहे हैं और न ही मायके वालों को कोई मतलब।
एक ही गांव के रहने वाले हैं दोनों
यह मामला एरच थाना क्षेत्र के एक गांव का है। 23 साल की मीरा अहिरवार और गांव का ही पुष्पेंद्र अहिरवार एक दूसरे से प्रेम करते थे। वर्ष 2020 से दोनों लोग चोरी छुपे मिलते रहे। बात शादी तक पहुंच गई। लेकिन ये रिश्ता उनके घरवालों को बिल्कुल भी मंजूर नहीं था। तब दोनों ने भागकर शादी करने का योजना बनाई। मीरा अहिरवार ने बताया कि 19 दिसंबर 2021 को हम दोनों घर से भागकर कानपुर पहुंचे। वहां एक आश्रम में शादी कर ली। फिर बनारस और नोएडा रहे। कुछ महीनों बाद हम दोनों मऊरानीपुर आकर किराए पर रहने लगे।
छत से धक्का दिया तो रीढ़ की हड्डी टूट गई
मीरा ने आगे बताया कि पति मजदूरी करता था और मैं घर पर रहती थी। इस बीच उसकी एक लड़की से दोस्ती हो गई। वे दोनों फोन पर बात करने लगे। मैंने कई बार पति के मोबाइल में उसके मैसेज पकड़े हैं। इससे पति चिढ़ने लगा था। 4 अप्रैल 2023 की बात है। घर आने के बाद पति झगड़ा करने लगा। विवाद बढ़ने पर उसने मुझे छत से धक्का दे दिया। इससे मेरी रीढ़ की हड्डी टूट गई। पति ने कहा कि गलती हो गई, तुम पुलिस केस मत करो। हम इलाज कराएंगे तो तुम ठीक हो जाओगी। दो साल में न ससुराल वालों ने अपनाया और न ही मायके वाले खैर खबर लेने आए। पति के सिवाय मेरा कोई नहीं था इसलिए मैंने पति की बात मान ली।
अचानक घर से गायब हो गया पति
मीरा ने आगे बताया कि पति ने मेरा ऑपरेशन कराया, पर मैं पैरों पर खड़ी नहीं हो पाई। बीमार होने के बाद पति मुझे गुरसराय ले गया। वहां हम दोनों किराए के मकान में रहने लगे। मैं चलने फिरने में लाचार थी, पति सारा काम करता था। इस बीच उसने मुझे इस हालत में गर्भवती भी कर दिया। लेकिन 23 नवंबर को अचानक वह मुझे घर पर छोड़कर चला गया। उसके भाई से पता चला कि वो एक महिला को लेकर भाग गया है। मैंने पति को फोन लगाया तो बोला कि मैं किसी और के साथ भाग गया हूं। अब मेरा इंतजार मत करना। हम कभी वापस नहीं आएंगे।
तबीयत बिगड़ी तो पुलिस ने पहुंचाया अस्पताल
मीरा ने बताया कि मैं घर में अकेली थी और कोई करने वाला नहीं था। मकान मालिक ने भी जवाब दे दिया। लोगों से सहायता लेकर एरच थाने और फिर गुरसराय थाने गई। वहां अपनी पीड़ा बताई। तबीयत बिगड़ने पर पुलिस ने गुरसराय अस्पताल में भर्ती करा दिया। वहां से झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। लेकिन यहां कोई देखभाल करने वाला नहीं है।
अब कोई नहीं साथ देने वाला
मीरा चलने-फिरने में लाचार है और मेडिकल कॉलेज में 3 दिन से अपनों की राह देख रही है। उसके पास मोबाइल भी नहीं है। सिर्फ अपना आधार कार्ड, शादी के रजिस्ट्रेशन की कॉपी और पति का पेन कार्ड है। मीरा का कहना है कि मायके वाले कहते हैं कि जिस दिन घर से भागी थी, उसी दिन मैं उनके लिए मर गई। उनको कोई मतलब नहीं है। अब पति ने भी धोखा दे दिया। अब पुलिस मेरी मदद करे। गुरसराय थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह का कहना है कि मीरा थाने में आई थी। उसकी हालत खराब थी तो अस्पताल में भर्ती करवा दिया था। अभी कोई तहरीर नहीं मिली है। जांच कर कार्रवाई की जाएगी।