उन्नाव: आर्थिक अभाव में गंगा में नही बहाए जाएंगे शव, अंतिम संस्कार के लिए जिला प्रशासन देगी 5 हजार

उन्नाव: आर्थिक अभाव में गंगा में नही बहाए जाएंगे शव, अंतिम संस्कार के लिए जिला प्रशासन देगी 5 हजार
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गंगा किनारे शवो का अंतिम संस्कार के लिए प्रशासन पांच हजार रुपये मुहैय्या कराएगी। जिलाधिकारी रवींद्र कुमार की अध्यक्षता में शनिवार को कलेक्ट्रेट हाल में अधिकारियों के साथ बैठक में सभी को निर्देश दिए।

उन्नाव: अब आर्थिक अभाव में किसी का भी शव गंगा में न ही दफनाया जाएगा और न ही प्रवाहित किया जाएगा। गंगा किनारे शवो का अंतिम संस्कार के लिए प्रशासन पांच हजार रुपये मुहैय्या कराएगी। जिलाधिकारी रवींद्र कुमार की अध्यक्षता में शनिवार को कलेक्ट्रेट हाल में अधिकारियों के साथ बैठक में सभी को निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि जो आर्थिक समस्या के कारण अंतिम संस्कार नही कर पा रहे उनको 5,000 रु का आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। गंगा में शव मिलने के बाद जिला प्रशासन ने घाटों पर शवो का जल प्रवाह और दफनाने को लेकर रोक लगा दी है। लोगो के शव जलाने के लिए अगर किसी को लकड़ी की समस्या हो रही हो तो ऐसे लोगों को लकडी उपलब्ध कराई जाएगी। गॉवो में बनाई गई निगरानी समितियों एवं रैपिड रिस्पांस टीम के द्वारा किये जा रहे सर्वे एवं टेस्टिंग के कार्यों में अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में जनपद में जहां पर परम्परागत रूप से शव दफनाये जाते है वही पर शव दफनाया जाये। इस दौरान कोविड-19 से मृत्यु होने की दशा में कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन करते हुए अन्तिम संस्कार कराये जाये और किसी प्रकार का उल्लघंन न हो। यदि परम्परागत तरीके से दफनाये जाते है तो वहां पर्याप्त गहरायी में दफनायें जायें, जिससे शव जमीन से बाहर न निकलने पाए।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि निरन्तर निगरानी सुनिश्चित करते हुये समस्त स्थलों पर पुलिस बल एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगायी जाए जिससे वहां पर कड़ाई से पालन किया जा सके। गंगा नदी में बहाव में बहते हुये शव जैसी अफवाह पर शोशल मीडिया पर नजर बनायी रखी जाये। अभी तक गंगा नदी के किनारे स्थित बालूघाट/पक्काघाट शुक्लागंज, रौतापुर, परियर घाट में अंतिम संस्कार किये जाते रहे है।

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