बारिश के चलते खेतों में भरा पानी, फसलों के नुकसान की बढ़ी संभावना

बारिश के चलते खेतों में भरा पानी, फसलों के नुकसान की बढ़ी संभावना
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बांदा। विगत तीन दिन से जारी शरदकालीन बारिश से जहां जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। दलहनी, तिलहनी फसलों को नुकसान होने का खतरा उत्पन्न हो गया है। जिन किसानों ने गेहूं की फसल में पानी लगा दिया था उन खेतों में लबालब पानी भर गया है। जिससे गेहूं के सड़ने की संभावना पैदा हो गई है चना मसूर अरहर में लगे फूल झड़ गए हैं किसान मइयादीन ने बताया है कि मैंने अपने खेत में गेहूं की फसल में पानी लगा दिया था। लेकिन तीन दिन से हो रही बारिश के कारण खेत में पानी भर गया है। गेहूं की फ़सल के सड़ने की आशंका पैदा हो गई है। सांडासानी के किसान वंशगोपाल, जगन्नाथ, रामेश्वर आदि ने बताया है चना, मसूर, अरहर में लगे फूल झड़ गए हैं। सिर्फ गेहूं की फसल को फायदा है जो सीचें नहीं गए थे।

सर्दी के साथ हो रही बारिश जहां गेंहू के लिए वरदान साबित हो रही है। वहीं दूसरी ओर चना, मसूर व मटर, सरसों की फसल को नुकसान होने की संभावना बन रही है। लगातार हो रही बारिश से किसानों को दलहनी तिलहनी फसलों जैसे चना, मसूर व मटर की बढ़वार व फूल फली कम लगने की चिंता सताने लगी है।तीसरे दिन दोपहर को थोड़ी देर बारिश रुकने पर किसान दलहनी तिलहनी फसलों के खेत मे भरे पानी को नाली बनाकर निकालने में जुट गए। दो दिनों की लगातार बारिश ने दलहनी तिलहनी फसलों में लगे फूल झरने से उपज कम होने का खतरा मंडराने लगा है।साथ ही पाला पड़ने की आशंका के चलते किसान चिंतित नजर आ रहे है।ज्यादा बारिश होने के चलते फतेहगंज क्षेत्र में मसूर,अरहर की फसल गिर गई है।यदि हालात ऐसे ही बने रहे और एक दो दिनों में मौसम साफ नही होता,तो फसलों में लगा पहला फूल खराब हो जाने से दूसरा फूल लगने तक किसानों को काफी नुकसान हो जाएगा।तीसरे दिन शनिवार दोपहर बारिश थमी जरूर है,लेकिन मौसम अभी तक पूरी तरह साफ नही हुआ है। जिन फसलों में सप्ताह भर पहले ही पानी दिया गया था।उन खेतों में बारिश का पानी भर जाने से फसल सड़ने की आशंका के कारण किसान नाली बना निकालने में जुट गया है।जिससे मौसम साफ होते ही फसलों में उर्वरक का छिड़काव किया जा सके।

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