कैराना में घमासान, सपा से सीट वापसी के लिए भाजपा के दिग्गजों ने लगाया जोर

कैराना में घमासान, सपा से सीट वापसी के लिए भाजपा के दिग्गजों ने लगाया जोर
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सपा उम्मीदवार नाहिद हसन जेल में बहन इकरा हसन कर रही हैं प्रचार

कैराना। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट का नाम .हां के छोटे से कस्बे कैरान के नाम पर ही है । संगीत के किराना घराने के नाम से कभी मशहूर रहा कैराना 2013 के बाद से हिंदु मुस्लिम दंगों के कारण और बाद में हिंदुओं के पलायन के लिए जाना जाता है । कैराना के दंगों को 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की भारी जीत का कारण माना जाता है । कैराना सीट पर लगातार सात बार जीत की हैट्रिक बनाने वाले गुजर दिवंगत भाजपा नेता चौधरी हुक्मसिंह अपना कार्यकाव पूरा करने से पहले ही चल बसे । उपचुनाव में हुकमसिंह की बेटी मृगांका सिंह समाजवादी पार्टी की तब्बसुम हसन से चुनाव हार गयीं । तब्बसुम हसन कैराना के वर्तमान विधायक नाहिद हसन की मां हैं । पिछले विधानसभा चुनाव में सपा के नाहिद हसन ने भाजपा को हराया , 2019 के लोक सभा चुनाव में भाजपा के प्रदीप चौधरी ने सपा से फिर ये सीट जीत ली । अब फिर से भाजपा से मृगांका सिंह को मैदान में उतार रखा है । सपा उम्मीदवार नाहिद हसन गैंगस्टर एकेच में जेल में बंद है । उनकी बहन इकरा हसन प्रचार कर रही है ।

कैराना की सीट को फिर से हासिल करना भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ है । सपा रालोद जहां एक तरफ भाजपा को सांप्रदायिक और हिंदु मुस्लिम भाईचारे का दुश्मन बता रहे हैं वहीं भाजपा लोगों को याद दिला रही है 2013 के खौफनाक दंगे , भय और असुरक्षा । अमित शाह ओऔर योगी आदित्य नाथ अपने हर भाषण में कैराना मुज्जफरनगर के दंगों की बात ज़रूर करते हैं । जब कडकड़ाती ठंड सर्द हवाओं और बारिश के बीच सियासी वातावरण में मई जून की गर्मी आ रही है तो ऐसे में कैराना के मतदाता क्. सोचते क्. चाहते हैं जब सन्मार्ग की टीम ने ये जानने के लिए पूरे कस्बे में लोगों के मिजजा का जायजा लि. तो पाया कि यहां मतदाताओं के बीच जबरदस्त खेमे बंदी है । मुस्लिम मतदाता वैसे तो योगी आदित्यनाथ सरकार के कामकाज की तारीफ करते हैं ष बहुत मीठी मीटी बाते करते हैं लेकिन दस मिनट बात करने के बाद कहते हैं --- बोट तो जी नाहिद कू ही गेरेंगें । लगभग 40 साल का नासिर कहता है कैराना में हिंदु मुस्लिम में कोई बैर नहीं सब प्यार से रहते हैं । नाहिद भी अच्छा है चौधरी हुकुम सिंह भी सबकी सुनते थे सबका काम करते थे । नाहिद हसन भी हर किसी के काम आता है हमारो समाज का बोट तो उसी को पड़ेगा । जबकि स्लिम महिलाएं अपने पति के साथ होती हैं तो बात भी नहीं करती । अकेले में मिल जाएं तो योगी आदित्यनाथ की बहुत तारीफ करती है वोट उनको दोगी क्. पूछने पर कहती है -- जहां हमारे घर के आदमी कहेंगें वहीं वोट डालेंगें ।

मुस्लिम मतदाता की पसंद नाहिद है तो हिंदु मतदाता मृगांका सिंह को वोट देंगें । मृगांका सिंह चौहान गुज्जर हैं । गुजर पट्टी के गांव के लोग खुले आम कहते हैं – हम तो जी मृगांका बुआ जी को ही वोट देंगें । कैराना की चार पट्टी में चार गुज्जर गांव हैं जगनपुरा , कंडेला , हिंगोखेड़ी और शेखूपुरा । इन सभी गांवों के प्रवेश द्वारों पर चौधरी हुकुमसिंह की तस्वीरे लगी हैं । यहां के युवाओं की टोली में गजब जोश है मोटरसाइकिलों पर सवार युवाओं की टोलियों का दावा है जीतेंगी तो मृगांका बुआ जी ही । लगभग 20 -22 साल का विक्रांत चौहान कहता है नाहिद हसन की बहन इकरा हसन हमारी चार पट्टी में पैर भी नहीं रख सकती । उनका कहना है इकरा ने गुजरों के खिलाफ कोई बयान दिया था जिसके बाद गुजरों में इकरा के खिलाफ बहुत गुस्सा है । जबकि भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह के लिए वे कुछ भी करने को तैयार हैं । विक्रांत कहता है यहां का मोर्चा हमने संभाल रखा है मृगांका सिंह जी कह दिया आप बाकी इलाको की चिंता करो । जाटों की तरह यहां गुजरों की भी खाप हैं । काल्सियान गुजरों की 84 गांव की चौपाल है जिसके प्रधान भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह के ताऊ रहे हैं । यहां पूरा गुजर समुदाय. मृगांका सिंह के साथ है । लेकिन कहते हैं न घर का भेदी लंका ढ़ाए मृगांका सिंह के ताऊ का बेटा ही अपनी बहन के खिलाफ प्रचार में जुटा है वो कहता है पलायन की बात मनगढ़ंत है । भाजपा ने वोट पाने के लिए नाटक रचा पूरी सूची झूठी थी ।

चुनाव प्रचार में व्यस्त मृगांका सिंह से हम मिले तो हमने पूछा आपके अपने परिवार से ओऔर विपक्ष से आरोप है कि आप 2013 का हौव्वा दिखा कर सांप्रदा.कता के आधार पर चुनाव जीतने की जुगत में हैं । मृदु भाषी मृगांका सिंह आरोप नकारती है और कहती हैं दंगे समाजवादी पार्ची के समय में हुए । लोगों ने डर के मारे अपना घर छोड़ा ये सच है मेरे पिता ने जो सूची दी थी वो बिल्कुल सही थी । समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार की बहन इकरा हसन लंदन से पढ़ कर एक साल पहले भारत लौटी हैं । इकरा भी बहुत संयत तरीके से मधुरता से कहती हैं –मृगांका सिंह ने उनका मुकाबला नहीं है उनका मुकाबला देश के ताकतवर गृहमंत्री अमित शाह से है । पलायन पलायन भाजपा के आईटी सैल का प्रोपेगेंडा है काठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ती थाना भवन शामली कैराना तीनों सीटों पर भाजपा ठडी ही रहेगी । भाजपा कैराना को बदनाम कर रही है विकास के काम इन्होनें किए नहीं । जबकि मेरे भाई नाहिद ने 436 करोड़ रुपए के विकास कार्य. किए । मृगांका सिंह और इकरा हसन वैसे रिश्ते में बहनें हैं । क्.कि दोनों के पुरखे एक हैं । इकरा के परदादा ओऔर मृगांका सिंह के परदादा दोनों सगे भाई थे एक ने इस्लॉम धर्म अपना लिय़ा था । जबकि मृगांका के परदादा हिंदु ही रहे । मृगांका सिंह के पास काल्सियान खाप की ताकत है तो इकरा हसन के पास हसन चबूतरे की ।


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