कन्नौज: अवैध ढाबा गिराने पहुंची टीम से सपाइयों की नोक-झोंक, प्रशासन हुआ नाकाम

कन्नौज: अवैध ढाबा गिराने पहुंची टीम से सपाइयों की नोक-झोंक, प्रशासन हुआ नाकाम
X
सपा नेताओं का आरोप है कि उन्होंने कोर्ट से स्टे लिया हुआ है। इसके बावजूद प्रशासन उनके उत्पीडन का प्रयास कर रही है।

कनन्ौज सरायमीरा पूर्वी बाईपास स्थित एक ढाबे के ध्वस्तीकरण के लिए बुधवार को पहुंची पुलिस और प्रशासन की टीम को उस वक्त घुटने टेकने पड गए, जब जेसीबी मशीन द्वारा ढाबे को ध्वस्त कराने का प्रयास कर रही टीम के सामने समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का हुजूम अड गया। यहां अधिकारियों और पुलिस कर्मियों की सदर विधायक समेत सपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं से जमकर नोकझोंक और धक्का-मुक्की हुई। विरोध बढ़ता देख अधिकारी एक दिन का अल्टीमेटम देकर फोर्स के साथ वापस लौट गए। जबकि दूसरी ओर सपा नेताओं ने सत्तापक्ष के इशारे पर अधिकारियों द्वारा उत्पीड़न किए जाने के आरोप लगा दिए।

साईं ढाबे से जुड़ा मामला, दीवार बन खड़े हुए सपाई

पूर्वी बाईपास पर अर्शी हास्पिटल के नजदीक ही साईं ढाबा संचालित है। बताया गया कि साईं ढाबे को मनीष चतुर्वेदी नाम का युवक चला रहा है, जबकि वह जगह सपा नेता की मां के नाम दर्ज है। जिस जगह पर ढाबा संचालित है, उस जगह को तालाब की जमीन होने का दावा करते हुए एसडीएम सदर गौरव शुक्ला फोर्स के साथ पहुंच गए और जेसीबी लगा कर ढाबे का गिराने का प्रयास कराने लगे। मामले की भनक लगते ही सपा नेता व पूर्व ब्लॉक प्रमुख नवाब सिंह यादव, सदर विधायक अनिल दोहरे, पूर्व जिला महासचिव संजय दुबे समेत तमाम पार्टी नेता और कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए। सपाइयों ने ढावा गिराने का विरोध करना शुरू कर दिया। आक्रोशित सपाइयों को फोर्स ने हटाने का प्रयास किया, लेकिन पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनके साथ ही धक्का-मुक्की कर दी। विरोध बढता देख अधिकारियों ने घुटने टेक दिए और बिना ढाबा गिराए ही जेसीबी मशीन व फोर्स वापस लौट गया।

सपा कार्यकर्ताओं ने प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप

मामले को लेकर एसडीएम सदर गौरव शुक्ला ने बताया कि वह तहसीलदार के न्यायालय से धारा-67 के तहत तालाब की जमीन खाली कराने का आदेश हुआ है। उसी आदेश का पालन कराने के लिए वह फोर्स के साथ पहुंचे थे। फिलहाल जगह खाली करने के लिए एक दिन का अल्टीमेटम दिया गया है। उधर मामले को लेकर सपा नेताओं का आरोप है कि उन्होंने कोर्ट से स्टे लिया हुआ है। इसके बावजूद सत्ता पक्ष के नेताओं के इशारे पर सपा नेता के उत्पीडन का प्रयास प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। तालाबों को खत्म कर खडी हो गईं कई इमारतें बात तालाब की जमीन को खाली कराने की है तो सिर्फ साईं ढावा ही क्यों। ऐसे तो जिला मुख्यालय में कई इमारतें तालाबों को खत्म कर के अवैध रूप से खडी करवा दी गईं हैं, लेकिन उनके ध्वस्तीकरण की कार्रवाई तो दूर, तभी उनको प्रशासन की ओर से कोई नोटिस तक नहीं दिया गया। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब साईं ढावे को तालाब की जमीन खाली कराने के लिए ध्वस्त किया जाना जरूरी है तो उसी तालाब पर अन्य कई इमारतें भी खडी हैं। जिन पर अब तक कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई जा सकी, लेकिन जब सपा नेता की जमीन पर बने ढावे को गिराने का प्रयास किया गया तो प्रशासन की मंशा पर आरोप तो लगेंगे ही। हालांकि इस मामले को लेकर जब एसडीएम सदर गौरव शुक्ला से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका सीयूजी नम्बर नेटवर्क कवरेज एरिया से बाहर था। जब तहसीलदार सदर से बात करने का प्रयास किया तो वह कोई सटीक जवाब नहीं दे सके। उन्होंने कहा कि कोर्ट का आदेश हुआ है और इस बारे में पेशकार से बात कर लीजिए, वही विस्तार से बता पाएंगे।

Tags

Next Story