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कांशीराम, मेनका गांधी, राजमोहन गांधी और रामविलास वेदांती चुनावी पराजय के बाद नहीं लौटे अमेठी
अमेठी। बहुजन समाज पार्टी की बुनियाद भरने वाले मान्यवर कांशीराम, मेनका संजय गांधी, राजमोहन गांधी और रामविलास वेदांती अमेठी से लोकसभा चुनाव लड चुके हैं। लेकिन चुनावी पराजय के बाद कभी अमेठी नहीं लौटे थे। जबकि संजय गांधी और स्मृति ईरानी भी पहली बार चुनाव हारे थे। लेकिन पराजय के बाद भी मैदान छोड़कर भागे नहीं थे। जिससे दूसरी बार में सांसद बने हैं।
अमेठी गांधी परिवार की परंपरागत सीट मानी जाती है। लेकिन नेहरू खानदान की चालीस साल पुरानी सीट पर स्मृति ईरानी कब्जा जमा लिए है। स्मृति ईरानी को छोड़कर बाकी गांधी परिवार के खिलाफ चुनाव लडने वाले मान्यवर कांशीराम, रामविलास वेदांती, राजमोहन गांधी और मेनका गांधी चुनावी पराजय के बाद अमेठी नहीं लौटे हैं। लेकिन स्मृति ईरानी 2014 का पहला चुनाव हारने के बाद अमेठी में डेरा डाले थी। जिससे 2019 में राहुल गांधी को हराकर सांसद चुनी गई है। इसीलिए 2014 के चुनावी वादे को पूरा करने के लिए अमेठी में नए मकान का निर्माण कराया है। स्मृति ईरानी ने कहा था कि हार के बाद भी अमेठी छोड़कर नहीं जाएंगी।
स्मृति ईरानी के चुनावी वादे के मुताबिक घर बनकर तैयार है। 22 फरवरी को गृह प्रवेश की तैयारी है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी 2024 का लोकसभा चुनाव अपने निजी घर से लड़ेंगी। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के अपर सचिव विजय गुप्ता ने बताया कि अमेठी में घर बनाने का चुनावी वादा था। जनता से किए गए वादे को पूरा करने के लिए मेदन मेवई में घर बनकर तैयार हो गया है। स्मृति ईरानी 22 फरवरी को हवन पूजन के साथ गृह प्रवेश करेंगी। पूजा अर्चना के लिए ईशान कोण पर मंदिर का निर्माण भी कराया गया है। मकान का निर्माण वास्तु शास्त्र के अनुसार है।