वाराणसी: काशी विश्वनाथ मंदिर के पक्षकार को मिली जान से मारने की धमकी

वाराणसी: काशी विश्वनाथ मंदिर के पक्षकार को मिली जान से मारने की धमकी
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कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर पक्ष से वादी हरिहर पांडेय को फोन पर जान से मारने की धमकी मिली है। यासीन नाम के शख्स ने उन्हें ये धमकी दी है।

वाराणसी: अयोध्या के बाद वाराणसी के काशी विश्वनाथ परिसर में स्थित ज्ञानवापी के पुरातात्विक सर्वेक्षण के लिए एएसआई को सिविल कोर्ट ने मंजूरी दे दी है। कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर पक्ष से वादी हरिहर पांडेय को फोन पर जान से मारने की धमकी मिली है। यासीन नाम के शख्स ने उन्हें ये धमकी दी है।

फोन पर मिली धमकी के बाद उन्होंने इसकी शिकायत वाराणसी के पुलिस कमिश्नर से की। जिसके बाद उन्‍हें पुलिस सुरक्षा दे दी गई। पीड़ित हरिहर पांडेय ने बताया कि 8 अप्रैल को सिविल कोर्ट के फैसले के बाद जब वह घर पहुंचे तो एक अनजान नम्बर से उन्हें फोन आया। फोन पर यासीन नाम के शख्स ने कहा कि पांडेय जी मुकदमा तो जीत गए हैं आप लेकिन एएसआई वाले मंदिर में नहीं घुस पाएंगे। आप और आपके सहयोगी मारे जाएंगे।

हरिहर पांडेय ने बताया कि धमकी भरे फोन कॉल के बाद उन्होंने शुक्रवार को इसकी शिकायत वाराणसी पुलिस कमिश्नर से की। उसके बाद लक्सा पुलिस ने उनकी सुरक्षा में दो सिपाही तैनात कर दिए है। दशाश्वमेध सीओ अवधेश पांडेय ने बताया कि हरिहर पांडेय की शिकायत के बाद पुलिस इस मामले में जांच कर रही हैं। फोन पर किसने धमकी दी इसका पता लगाया जा रहा है। फिलहाल उन्हें सुरक्षा दे दी गई है।

बता दें कि काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी केस में 1991 में वाराणसी कोर्ट में मुकदमा दाखिल हुआ था। प्राचीन मूर्ति स्वयंभू लार्ड विशेश्वर की ओर से सोमनाथ व्यास, रामरंग शर्मा और हरिहर पांडेय बतौर वादी इसमें शामिल हैं। कोर्ट में मुकदमा दाखिल होने के कुछ वर्षों बाद ही सोमनाथ व्यास और रामरंग शर्मा की मौत हो गई। अकेले हरिहर पांडेय अब इस मुकदमे में मंदिर की ओर से पक्षकार हैं।

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