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थैलेसीमिया से निजात के लिए आगे आए एमएलसी एके शर्मा
मऊ: असाध्य रोग थैलेसीमिया से ग्रसित लगभग 2 दर्जन से अधिक बच्चे दवा व आवश्यक सुविधाओं के अभाव में तिल तिल मरने को मजबूर है इस दौरान पिछले एक हफ्ते में दो बच्चों की मृत्यु हो गई व लगभग आधा दर्जन बच्चे गंभीर रूप से बीमार चल रहे हैं। इस बात की जानकारी थैलेसीमिया वेलफेयर सोसाइटी सदस्य वेद नारायण मिश्रा द्वारा विधान परिषद सदस्य एके शर्मा को दूरभाष से दी गई।
थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के अस्वस्थता की जानकारी प्राप्त होते ही विधान परिषद सदस्य व पूर्व वरिष्ठ आईएस एके शर्मा द्वारा तत्काल कमिश्नर आजमगढ़ से सुविधाएं उपलब्ध कराने को कहा गया जिसके तहत मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा नोडल अधिकारी की नियुक्ति कर दी गई। इसके साथ ही बताया गया कि आवश्यक दवाएं 2 से 3 दिन में उपलब्ध करा दी जाएगी।
गौरतलब हो कि आजीवन बच्चे में खून न बन सकने की समस्या से थैलेसीमिया जैसा असाध्य रोग होता है जिससे ग्रसित जनपद में 2 दर्जन से अधिक बच्चों की संख्या है। जिनके लिए प्रत्येक पखवाड़े रक्त के साथ ही जीवन रक्षा के लिए महंगे दवाओं की जरूरत पड़ती है। उन दवाओं को एसजीपीजीआई लखनऊ द्वारा निशुल्क उपलब्ध कराया जाता रहा है। इस समय कोरोना महामारी के चलते लगे लाक डाउन के कारण एसजीपीजीआई से सुविधा मिलनी बंद हो गई। वही रक्त दाताओं की संख्या भी काफी कम हो गई। लिहाजा इस रोग से ग्रसित बच्चों की हालत बहुत खराब हो गई। गत दिनों दो बच्चों का निधन हो गया।
इस बात की जानकारी प्राप्त होते ही एके शर्मा द्वारा मंडलायुक्त आजमगढ़ निर्देश देकर बच्चों के स्वास्थ्य हेतु सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने को कहा गया। हालांकि लगभग 2 माह पूर्व जिला चिकित्सा अधिकारी ने रोग से ग्रसित बच्चों की सुविधा के लिए नोडल चिकित्सक की नियुक्ति होने का आश्वासन दिया था। वहीं गत माह विधान परिषद सदस्य द्वारा भी इसके बाबत सीएमओ/सीएमएस को कहा गया था।
अभी तक वह मामला लंबित था ऐसे में एमएलसी एके शर्मा द्वारा सक्रियता दिखाए जाने पर तत्काल हरकत में आये स्वास्थ्य विभाग ने दवा उपलब्ध कराने की कवायद शुरू कर दी है, वहीं सीएमओ डॉ. सतीश चंद्र सिंह ने जिला अस्पताल में थैलेसीमिया नोडल अधिकारी के रूप में डॉ. साहनी और डॉ. अनिल कुमार की नियुक्ति कर दी है।