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दुनिया में सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम हमारे देश में चल रहा है : प्रधानमंत्री
वाराणसी। देश में चलाये जा रहे कोरोना टीकाकरण अभियान के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के तीन केन्द्रों पर छह स्वास्थ्य कर्मियों से वर्चुअल संवाद कर उनका हौसला बढ़ाया।प्रधानमंत्री ने फ्रंट लाइन वर्कर्स की सेवा और संघर्ष के बीच सभी स्वास्थ्य कर्मियों को आधुनिक ऋषि का नाम देकर जहां उनका मान बढ़ाया। वहीं टीका बनाने के पीछे वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत का हवाला देते हुए उनकी सराहना की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया में सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम हमारे देश में चल रहा है। आज, राष्ट्र के पास अपने स्वयं के टीके का निर्माण करने की इच्छाशक्ति है-एक नहीं बल्कि दो मेड इन इंडिया टीके उपलब्ध हैं। देश के हर कोने में टीके आज पहुंच रहे हैं। भारत इस मामले में पूरी तरह आत्मनिर्भर है। उन्होंने कहा कि काशी का सेवक होने के नाते हम चाहेंगे कि काशी के शत-प्रतिशत लोगों को शीघ्र से शीघ्र कोरोना वैक्सीन लगाया जाय। वहीं 2021 की शुरुआत बहुत ही शुभ संकल्पों से हुई है। काशी के बारे में कहते हैं कि यहां शुभता सिद्धि में बदल जाती है। इसी सिद्धि का परिणाम है कि आज विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान हमारे देश में चल रहा है।
उन्होंने कहा कि किसी भी वैक्सीन को बनाने के पीछे हमारे वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत होती है, इसमें वैज्ञानिक प्रक्रिया होती है। वैक्सीन के बारे में निर्णय करना राजनीतिक नहीं होता, हमने तय किया था कि जैसा वैज्ञानिक कहेंगे, वैसे ही हम करेंगे। पूरी जांच-पड़ताल के बाद और वैज्ञानिकों की मंजूरी के बाद ही वैक्सीन लगाने का काम शुरू किया गया है और सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाना तय किया गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले चरण में वाराणसी में करीब-करीब 20,000 से ज्यादा हेल्थ प्रोफेशनल्स को वैक्सीन लगाई जाएगी। इसके 15 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं। उन्होंने इस पूरे अभियान के लिए सभी चिकित्सक, नर्स और मेडिकल स्टाफ का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि आज दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन प्रोग्राम दुनिया में चल रहा है। इसके पहले दो चरणों में 30 करोड़ देशवासियों के टीका लगाया जा रहा है। आज देश में ऐसी इच्छाशक्ति है कि देश खुद अपनी वैक्सीन बना रहा है
प्रधानमंत्री ने चिकित्स्कों एवं स्वास्थ्य कर्मियों से संवाद करते हुए कहा कि ऐसे समय में आपके बीच होना चाहिए था, मगर कुछ ऐसे हालात बन गए हैं कि वर्चुअल तौर पर मिलना पड़ रहा है। कहा कि कोरोना वायरस की तैयारियों और अमलीजामा पहनाने के लिए चल रही तैयारियों का जायजा लेने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
उन्होंने कहा कि काशी में हम लोगों के लिए जितना भी कर सके वह हमारे लिए सौभाग्य की बात है। गत छह वर्षों में वाराणसी में जो इंफ्रास्ट्रक्चर का बड़ा बदलाव हुआ है इसका लाभ पूरे पूर्वांचल को मिल रहा है।
प्रधानमंत्री ने इन कोरोना योद्धाओं से किया संवाद
प्रधानमंत्री ने राजकीय महिला चिकित्सालय की मेट्रन पुष्पा देवी वार्ता करते हुए पूरे स्वास्थ्य कर्मियों को बधाई दी। वैक्सीन लगवाए जाने के बाद कैसा महसूस कर रही हैं, के सवाल का जवाब देते हुए पुष्पा देवी ने कहा कि वे कोरोना वैक्सीन लगवाए जाने के बाद पूरी तरह सुरक्षित महसूस कर रही हैं। पुष्पा देवी ने कहा कि अन्य इंजेक्शन की ही तरह ही यह वैक्सीन भी है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि लोग इसे लगवाएं और अपने व अपने परिवार को सुरक्षित रखें।
उन्होंने स्वयं का अनुभव बताते हुए प्रधानमंत्री को बताया कि वैक्सीन लगवानी से उन्हें कोई भी परेशानी नहीं हुई। पुष्पा देवी ने विशेष तौर पर प्रधानमंत्री का धन्यवाद देते हुए उन्हें कहा कि मात्र नौ माह के अंदर उनके द्वारा कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि अपने मन से डर को हटाना है और वैक्सीन को लगवाना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वैक्सीन बनाने में वैज्ञानिकों की अहम भूमिका रही है। रोजमर्रा के जीवन में जिन डॉक्टरों और पैरामेडिकल के लोगों को कोरोना से सबसे अधिक रूबरू होना, पहले इन्हें ही वैक्सीनेशन कराने का निर्णय लिया, ताकि पूरा समाज स्वस्थ रहे।
शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय चिकित्सालय की ही एएनएम रानी कुंवर श्रीवास्तव से संवाद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वैक्सीन के पहले डोज का हकदार पहले आप डॉक्टर एवं स्वास्थ्य कर्मी लोग हैं। अनिश्चितता के माहौल में स्वास्थ्य कर्मियों और वैज्ञानिकों ने जो कार्य किया वह प्रशंसनीय एवं अभिनंदनिय है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अनजान दुश्मन रहा कोरोना। इसके संक्रमण एवं बचाव तथा कोरोना मरीजों का बढ़-चढ़कर जो सेवा स्वास्थ्य कर्मियों ने किया है इसलिए इतने कम समय में भारत के वैज्ञानिकों द्वारा वैक्सीन बनाए जाने का क्रेडिट भी हमें नहीं बल्कि वैज्ञानिकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को जाता है।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बी शुक्ला से संवाद करते हुए प्रधानमंत्री ने पूछा कि हमारे काशीवासी सुरक्षित और सुखी तो है। डॉक्टर शुक्ला ने प्रधानमंत्री के सवाल का जवाब देते हुए बताया कि विकासशील देश होते हुए भी विकसित देश की तुलना में भारत कोरोना वैक्सीन के क्षेत्र में भी आगे निकल गया है। उन्होंने बताया कि वैक्सीन पूर्णतया सुरक्षित है। प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि स्वच्छता, शौचालय, पानी आदि की जो अभियान भारत सरकार चला रही थी, इसका लाभ गरीब से गरीब सहित आमजन को कोरोना का कॉल में मिला।
कोरोना वैक्सीन को लेकर आमजन में कैसा विश्वास है प्रधानमंत्री के सवाल का जवाब देते हुए डॉ. बी शुक्ला ने बताया कि सभी लोग संतुष्ट हैं और किसी में किसी भी प्रकार का कोई भय नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मेडिकल प्रोफेशन से जुड़े लोगों का संदेश लोगों में सकारात्मकता का संचार करता है। डॉ. शुक्ला ने बताया कि कल तक देश में 10 लाख लोगों का वैक्सिनेशन हो चुका था और 10 लाख लोग टीकाकरण कराकर सुरक्षित हैं।
प्रधानमंत्री ने डॉ. शुक्ला से पहले चरण के कोरोना वैक्सीनेशन हेतु कंपटीशन चलाए जाने की अपील करते हुए कहा कि ताकि सभी फ्रंटलाइन वर्करों का जल्द से जल्द टीकाकरण हो सके। इसके बाद दूसरे चरण में 50 साल से अधिक उम्र के लोगों का वैक्सीनेशन कराया जाएगा।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय के ही लैब टेक्नीशियन रमेश चंद्र राय से संवाद स्थापित करते हुए प्रधानमंत्री ने पूरे टीम को बधाई दी। सेवापुरी हाथी बाजार स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की एएनएम श्रृंखला चौहान से वार्ता करते हुए उन्हें स्वयं कोरोना वैक्सीन लगवाने तथा लोगों को लगाने के लिए प्रधानमंत्री ने धन्यवाद दिया तथा कहा कि सेवापुरी में लोगो का सेवा कर सेवापुरी का नाम वे सार्थक कर रही है और अपने पूरे परिवार का नाम रोशन भी कर रही हैं।