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यूपी में कोरोना: संक्रमित मरीजों के मामले में दूसरे स्थान पर पहुँचा प्रयागराज
प्रयागराज: केंद्र और प्रदेश सरकार के तमाम संयुक्त प्रयासों के बावजूद कोविड 19 तेजी से अपना पांव फैला रहा है। पिछले वर्ष की अपेक्षा यहां तेज़ी से फैल रहा है। कोविड 19 संक्रमण के दूसरी लहर में प्रयागराज प्रदेश में राजधानी लखनऊ के बाद दूसरे नंबर पर आ गया है। कानपुर जो लगातार दूसरे नंबर पर था वह अब तीसरे नंबर पर है।
आंकड़े सिर्फ प्रयागराज के लोगों और प्रशासनिक लापरवाही का सच बयां कर रहे हैं। गत शुक्रवार को लखनऊ में पिछले 24 घंटों में 2368 केस मिले थे और पहले स्थान पर था, कानपुर में 368 केस मिले थे और दूसरे स्थान पर था। प्रयागराज में इस अवधि में 1040 केस मिले थे और तीसरे स्थान पर था। वहीं, शनिवार शाम के आंकड़ों के अनुसार बीते 24 घंटों में लखनऊ में 4059 केस मिले और वह पहले स्थान पर है। प्रयागराज में बीते 24 घंटों के दौरान 1460 केस मिले और जिला प्रदेश में दूसरे स्थान पर आ गया है।
वहीं कानपुर 706 केस के साथ तीसरे स्थान पर है। कुल सक्रिय केसों की बात करें तो लखनऊ में 16690 केस हैं, जबकि प्रयागराज में 6902 और कानपुर में 3080 केस हैं। प्रयागराज में जान गंवाने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ती जा रही है।
महामारी तेजी से पांव पसार रही है तो आगे आने वाली चुनौतियों को भी समझा जाए। मास्क और सेनिटाइजर का इस्तेमाल करना होगा। आगे नवरात्रि, रमजान और पंचायत चुनाव है जिसमे बड़ी संख्या में लोग एक जगह एकत्रित होंगे।
जिले में कोरोना को लेकर लोगों को सतर्क करने के लिए चौराहों पर जिला प्रशासन की ओर से लाउडस्पीकर लगाकर 24 घण्टे बचाव के तरीक़े बताये जा रहें हैं। इसके माध्यम से प्रशासनिक अधिकारी लोगों से अपील कर रहें है बावजूद इसके मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इसकी वजह बाहर से आने वाले लोगों को भी जिम्मेदार माना जा रहा है। गत माह महाराष्ट्र से प्रयागराज आने वाले यात्रियों की संख्या अधिक रही।
मार्च महीने से ही महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण तेजी फैलना शुरू हुआ था। आंकड़ों पर नजर डालें तो साफ पता चलता है कि प्रयागराज जंक्शन और छिवकी स्टेशन पर लौटने वालों की संख्या जाने वालों से लगभग दोगुनी है। प्रयागराज जंक्शन से मार्च 2021 में 16000 लोगों ने यात्रा की वहीं लगभग 24000 लोग वापस आए। इसी प्रकार छिवकी स्टेशन से जाने वालों की संख्या 8500 रही और वापसी करने वालों की संख्या दोगुनी यानी 15000 रही।
महाराष्ट्र खास कर मुम्बई में जब कोरोना संक्रमण बढ़ने लगा तो तमाम पाबंदियां लगा दी गईं। मुख्य रूप से मॉल, होटल और कारखाने बंद कर दिए गए। उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में लोग मुम्बई के होटल, मॉल्स और बाजारों में काम करते हैं। सब कुछ बंद होने के बाद वहां रहने वालों के पास कोई काम नहीं बचा था। इसलिए अधिकांश लोगों ने वापसी करने को ही सही माना। इसके साथ ही कोरोना के डर ने भी मुम्बई में रह रहे लोगों को अपने शहर लौटने के लिए मजबूर कर दिया।