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फतेहपुर: कोरोना कहर के बीच शासनादेश का उल्लंघन कर रहे हैं निजी स्कूल
- रघुवंश पुरम स्थित सरस्वती बाल मंदिर ने करायी सुबह छह बजे से परीक्षा
- आदेशों को पालन कराने में शिक्षा विभाग के अधिकारी नाकाम
फतेहपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे के आदेशों को रघुवंशपुरम स्थित निजी विद्यालय सरस्वती बाल मंदिर और कुछ अन्य स्कूल नही मान रहे हैं। तभी तो रघुवंशपुरम स्थित स्कूल में सुबह छह बजे से लगातार परीक्षा करवाई जा रही है। जबकि आदेशानुसार कक्षा एक से आठ तक के स्कूल 11 अप्रैल तक बंद हैं।
शातिर प्रबंधन की करतूत तो देखिए कोई जान न पाए इसलिए कक्षा आठ के बच्चों को सुबह छह बजे ही बुलवा लेता है। फिर परीक्षा करवाता है और नौ बजे तक बच्चों को छोड़ भी देता है। मामले पर शिक्षा विभाग कान में तेल डाले बैठा है। प्रदेश भर में कक्षा आठ तक के सभी स्कूल हैं, लेकिन इसके बाद भी कुछ निजी स्कूल संचालक अपनी हेकड़ी दिखाने से बाज नही आ रहे। इसी क्रम में शहर स्थित रधुवंशपुरम स्थित निजी विद्यालय ने आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए अपनी मनमानी कर रहा है। शुक्रवार को उसने कक्षा आठ के बच्चों को बुलवा कर सुबह छह से नौ बजे तक परीक्षा करवाई। जबकि शनिवार को सुबह छह बजे से आठ बजे तक परीक्षा करवाई।
जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे ने जिला विद्यालय निरीक्षक और बेसिक शिक्षा अधिकारी को आदेशों का पालन कराने के लिए निर्देशित किया था। लेकिन ये अधिकारी आदेशों को पालन करा पाने में फेल हो गए हैं। रघुवंशपुरम स्थित ये विद्यालय खुद को नामी गिरामी और ऊंची पहुंच वाला बताता है। ऐसे में यहां के संचालक को किसी का डर नही है तभी तो शहर में अधिकारियों के नाक के नीचे ही अधिकारियों के आदेशों का उल्लघंन किया जा रहा है।
कोरोना वायरस को दे रहे बुलावा
प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है लेकिन इस स्कूल प्रबंधन को इससे कोई फर्क नही पड़ रहा है। वह बच्चों को बुलाता है और कोविड 19 प्रोटोकॉल का खुला उल्लंघन करता है। अब ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि यदि कोई बच्चा कोरोना संक्रमित हो जाए तो जिम्मेदारी किसकी होगी?
कान में तेल डाल बैठे शिक्षा अधिकारी
पूरे मामले पर बेसिक शिक्षा अधिकारी शिवेंद्र प्रताप सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक महेंद्र प्रताप सिंह और उनका पूरा स्टॉफ कान में तेल डाले बैठा है। तभी तो मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी के आदेशों का पालन नही हो पा रहा है। ये अधिकारी फील्ड में जाकर खुले हुए विद्यालयों का निरीक्षण नही करते हैं। अब ऐसे में आदेशों का पालन कैसे हो यह बड़ा सवाल है?
कुछ दिन पहले भी बंदी के दिन करायी परीक्षा
नियमों के उल्लंघन में यह विद्यालय टॉप पर है। क्योंकि अभी कुछ दिन पहले जब 24 मार्च से स्कूल बंद होने के आदेश हुए थे तब भी इस विद्यालय 25 मार्च को परीक्षा करवाई थी। जानकारी मिलने पर नगर शिक्षा अधिकारी ने दौरा किया और चेतावनी भी दी थी लेकिन इसके बाद भी यहां का स्कूल प्रबंधन मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी के आदेशों को नहीं मान रहा है। इसीलिए शुक्रवार को भी स्कूल बंद होने के बाद भी सुबह छह बजे बच्चों को बुलाकर परीक्षा करवाई।
अन्य क्षेत्रों में भी खुले निजी स्कूल
शहर ही नही बल्कि गांव में भी निजी स्कूल खुले। इसमें गाजीपुर स्थित एजे इंटर कॉलेज और असोथर विकास खण्ड स्थित लोक भारती विद्यालय खुले रहे। यहां की बसें सुबह से छात्रों को लेकर जातीं रहीं। इसमें कक्षा एक से लेकर अन्य कक्षाओं के बच्चे शामिल थे।
वर्जन
"मामले को लेकर रघुवंश पुरम स्थित सरस्वती बाल मंदिर की पड़ताल करायी गयी थी। जिसमें पता चला कि सम्बंधित विद्यालय ने कक्षा आठ के बच्चों को बुला कर परीक्षा करवाई है। ऐसे में उन्हें विद्यालय बन्द करने को कहा गया था। इसके बाद भी ये विद्यालय नही सुधर रहे। अब इनके खिलाफ अग्रिम कानूनी कार्यवाही होगी।"-नाहिद इकबाल फारूकी (नगर शिक्षा अधिकारी, फतेहपुर)
"अवकाश के दिन खुले रघुवंशपुरम स्थित और अन्य विद्यालयों को कड़ी चेतावनी दी गयी है। यदि अब ऐसे विद्यालय खुले पाए गए तो उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही होगी। इसके लिए सभी स्कूलों को नोटिस जारी किया गया है।"-महेंद्र प्रताप सिंह (जिला विद्यालय निरीक्षक, फतेहपुर)