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सेवा और शहादत से जुड़े अमेठी और गांधी परिवार के रिश्ते टूटने वाले नहीं : प्रियंका
अमेठी/स्वामीनाथ शुक्ल। प्रियंका गांधी ने कहा कि अमेठी और गांधी खानदान दोनों एक परिवार है। इस परिवार के बीच सेवा और शहादत के रिश्ते है। जिससे रिश्तों की डोरी टूटने वाली नहीं हैं। अमेठी में कोई आकर दो हजार झूठ बोल ले। लेकिन अमेठी के दिल में गांधी परिवार का नाम लिखा है। राजीव गांधी की मौत के बाद हमारे परिवार से ज्यादा अमेठी और रायबरेली की जनता रोई थी। राजीव गांधी का अस्थि कलश आधी रात को ट्रेन से प्रयागराज जा रहा था। अमेठी और गौरीगंज में ट्रेन रुकी तो खिड़की से देखा कि जनता रो रही थी। तब पता चला कि राजीव गांधी को हमसे ज्यादा अमेठी रायबरेली की जनता प्यार करती है। आज भी बड़े बुजुर्ग हमें देखकर कहते हैं कि राजीव भैया की बिटिया प्रियंका आई है। प्रियंका गांधी ने कहा कि आप कांग्रेस और अमेठी के कार्यकर्ता हैं। आप सब अमेठी में कठिन परिस्थितियों में भी चुनाव लड़े हैं. और डटकर लड़े हैं हिम्मत से लड़े हैं. कभी पीछे नहीं हटे हैं. ये चुनाव भी आप उसी तरह लड़ें, जैसे ये जनता का चुनाव है। भाजपा को धन-बल से लड़ने दें। हम जनता के बल से लड़ेंगे।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी रायबरेली और अमेठी सीट पर मोर्चा संभाल लिए है। वे लगातार दोनों सीटों पर चुनाव प्रचार कर रही हैं। कार्यकर्ताओं से लेकर नेताओं तक के साथ बैठकों में फीडबैक ले रही हैं। प्रियंका गांधी गुरुवार की शाम अमेठी में पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरा। प्रियंका ने कहा, मैं ये चुनाव जीतकर ही वापस जाऊंगी. मैं अमेठी की इस पवित्र धरती पर सही राजनीति वापस लेकर आऊंगी।
प्रियंका गांधी ने कहा पहले भी डटकर लड़े हैं, हिम्मत से लड़े हैं. कभी पीछे नहीं हटे हैं. ये चुनाव भी आप पहले की तरह लड़ें। भाजपा को धन-बल से लड़ने दें. हम जनता के बल से लड़ेंगे. हम ये लड़ाई अपनी मिट्टी के लिए, संविधान के लिए, लोकतंत्र के लिए, अपने देश के लिए लड़ रहे . ये चुनाव आप अपने लिए नहीं लड़ रहे हो, ये चुनाव किशोरी लाल शर्मा के लिए नहीं लड़ रहे हो. ये आप अपनी धरती के लिए लड़ रहे हो।
अमेठी से चुनाव जीतकर वापस जाऊंगी'
प्रियंका ने आगे कहा, मन बनाओ तो कोई नहीं हरा पाएगा. मैं इस चुनाव को जीतकर यहां से जाऊंगी. मैं आपके बीच आऊंगी और आपके साथ लडूंगी. मैं अमेठी की इस पवित्र धरती पर सही राजनीति, सत्य की राजनीति वापस लाने के लिए लडूंगी. कोई हमें हरा नहीं पाएगा. ये वचन मैं आपको देकर जा रही हूं।
अपने जीवन में सिर्फ एक इंसान को पूजती हूं, पिता और पिता की कर्मभूमि
प्रियंका गांधी का कहना था कि मैंने अपने जीवन में सिर्फ एक इंसान को पूजा है, वो मेरे पिताजी हैं. अमेठी मेरे पिताजी की कर्मभूमि है, इसलिए मैं इस भूमि को भी पूजती हूं. ये भूमि मेरे और राहुल के लिए पवित्र भूमि है. किशोरी लाल शर्मा यहां पर चालीस वर्षों से राजनीति कर रहे हैं. इस संसदीय क्षेत्र का गांव-गांव कोई जानता है तो वो किशोरी लाल हैं। हमने जितनी श्रद्धा से आपके लिए काम किया है, उतनी ही श्रद्धा से किशोरी लाल ने भी आपके लिए काम किया है। इसलिए आज इनका हक बनता है कि ये आपके प्रतिनिधित्व के लिए खड़े हों। प्रियंका गांधी शुक्रवार को अमेठी में चुनाव प्रचार के पहले दिन सलोन और तिलोई विधानसभा में डेढ़ दर्जन नुक्कड़ सभाएं की। प्रियंका हर सभा में अपने भाषण की शुरुआत अपने पिता स्व राजीव गांधी की पुरानी यादों से करती है। उन्होंने कहा यह पिता की कर्मभूमि है। इस पर राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने सेवा की है। आगे भी करते रहेंगे।जो हमने किया वही सेवा किशोरी लाल शर्मा ने भी किए है। 40 साल से अमेठी में है। अब इनका यही घर परिवार है। अमेठी के पहले रायबरेली के हरिदासपुर में कहा, जो लोग शहीद इंदिरा गांधी को देशद्रोही बोलते हैं. इंदिरा गांधी देश के लिए कुर्बानी दी. इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर बांग्लादेश को अलग कर दिया. उनको देशद्रोही बोलते हैं। राजीव गांधी को देशद्रोही बोलते हैं, जो सेवा का जज्बा लिए देश के लिए शहीद हो गए। मां शहीद हुईं तो बेटा खड़ा हो गया। बेटा शहीद हुआ तो उनकी विधवा पत्नी खड़ी हो गईं। आज उसका बेटा आपके पास आया है। आज ये लोग कहते हैं- शहादत के नाम पर वोट मांगने आये हैं। हम शहादत के नाम पर कुछ मांगने नहीं आए हैं। हम सिर्फ ये कहने आए हैं कि हम पीढ़ी दर पीढ़ी आपकी सेवा करेंगे। एक को मार डालो, दूसरा खड़ा हो जाएगा. दूसरे को मार डालो. तीसरा खड़ा हो जाएगा. तीसरे को मार डालो. चौथा खड़ा हो जाएगा. हमें कुछ भी कर लो, सेवा करने से हमें कोई रोक नहीं पाएगा. हमें विरासत में धन-दौलत नहीं मिली, हमें विरासत में जनता का प्यार मिला, सेवा और शहादत का जज्बा मिला. चाहे कोई कुछ भी कर ले, हमारे दिलों से ये सेवा का जज्बा नहीं निकाल पायेंगे।
प्रियंका ने कहा, 5 किलो राशन से भविष्य नहीं बनने वाला है। इससे आप 'आत्मनिर्भर' नहीं बनेंगे। अगर मैं आपसे पूछूं कि आप रोजगार और 5 किलो राशन में से क्या चुनेंगे तो आप निश्चित तौर पर रोजगार चुनेंगे। यह आपको आत्मनिर्भर बनाएगा. आपको यह समझने की जरूरत है कि जो राजनीतिक दल ऐसी नीतियां बना रहा है, जहां 'आत्मनिर्भर' नहीं, बल्कि निर्भर हो जाएंगे, ऐसी पार्टी की विचारधारा सही नहीं है।