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तमाशा : किसान धान बेचने के लिए क्रय केंद्र में खड़ा और क्रय केंद्र कागजों में संचालित
बांदा/अतर्रा। किसानों को सरकार द्वारा सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश देने के बाद भी क्रिन्वायन कर्ताओं का तमाशा यदि देखना है तो अतर्रा मंडी समिति में खुले धान क्रय केंद्र में चले जाइये। किसान धान बेचने के लिए लाइन लगाए खड़े हैं। कुछ केंद्र कई दिन से बंद हैं। लेकिन कागजों में खरीद जारी है। उपज की सरकारी मूल्य पाने के लिए सर्दी में किसान केंद्रों के बाहर उपज के साथ पड़े होने को मजबूर है। जबकि मंडी परिसर में ठंड से बचाव के लिए पर्याप्त इंतजाम भी नही है।
प्रदेश सरकार के निर्देश पर कस्बा की अतर्रा राजकीय कृषि उत्पादन मंडी समिति परिसर में आठ खरीद केंद्र खोले गए है। जिससे किसानों को उनकी उपज का सही समर्थन मूल्य मिल सके,लेकिन जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है।मंडी परिसर में खुले आठ खरीद केंद्रों में विपणन खरीद केंद्र एक,विपणन खरीद केंद्र दो व पीसीएफ में इतनी धीमी गति से खरीद हो रही है कि दिनभर में दो किसानों की तौल हो जाये तो गनीमत है।बाकी केंद्र ज्यादातर बंद ही रहते है।खरीद केंद्रों के बाहर पड़े किसानों का कहना है कि अपनी खून पसीने से तैयार उपज लिए कई दिनों से केंद्र के बाहर पड़े है।महीनों गुजरने के बावजूद तौल नही हो रही है।गोवंश व सर्दी बेहद परेशान किये हुए है।यहां अलाव भी पर्याप्त नही है।मात्र कुछ जगह ही जल रहे है।यदि अपनी उपज छोड़ अलाव तापने दूर जाते हैं, तो अन्ना गोवंश धान का नुकसान करते हैं।जिसके कारण इस भीषण सर्दी में अपनी फसल के ढेर के ऊपर ही पड़े रहते हैं।खरीद केंद्रों की लचर व्यवस्था को देखकर लगता है कि पिछले साल की भांति कहीं फर्जी खरीद दिखाकर किसानों को धोखा देकर बंद केंद्र अपना कोटा न पूरा कर लें।
सर्दी के कारण पल्लेदार समय से काम नही कर पा रहे है, लेकिन उसके बावजूद मेरे द्वारा लगातार निरीक्षण कर केंद्रों में खरीद कराई जा रही है। साथ ही सर्दी से बचाव हेतु पर्याप्त अलाव जलवायें जा रहे हैं।
विजय प्रकाश तिवारी,एसडीएम अतर्रा