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एतिहासिक बामदेव मंदिर और दुर्ग कालिंजर मेंं विराजमान नीलकंठ भगवान की विधिवत की पूजा
बांदा। श्रावण मास के प्रथम सोमवार को बांदा नगर में स्थित बांबेश्वर पहाड़ में विराजमान प्राचीन शिवलिंग और नरैनी तहसील अंतर्गत अजेय दुर्ग कालिंजर में विराजमान भगवान नीलकंठेश्वर महराज के दर्शनो को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। सावन के पहले सोमवार को ऐतिहासिक पौराणिक एवं धार्मिक अजेय दुर्ग कालिंजर में विराजमान भगवान नीलकंठेश्वर महराज के दर्शन को दूर दराज से आए हजारों शिव भक्तों ने दर्शन किए। सुबह से ही दुर्ग भगवान भोले के जयकारों से गूंज उठा। भोले के भक्तों ने भगवान नीलकंठ के दर्शन पूजा अर्चना की।
वहीं दुर्ग में सुरक्षा कोsh लेकर पुलिस बल व पीएस के जवान तैनात रहे। इस वर्ष बरसात न होने से दुर्ग के ऊपर बने तालाबों में पानी न होने से श्रद्धालुओं को स्नान के लिए दर दर भटकना पडा। वहीं दुर्ग के ऊपर पेय जल समस्या भी रही। दुर्ग पर श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती देख पुलिस ने वाहनों को नीलकंठ मंदिर के पहले ही रोक दिया था। वहीं भगवान नीलकंठ के जलाभिषेक पर रोक रही लोगों को मात्र दर्शन ही करने को मिल सका। इसी तरह तिंदवारी कस्बा व क्षेत्र के शिवमंदिरों में श्रावण मास के प्रथम सोमवार को भारी संख्या में श्रद्धालु उमड़े। कस्बे के हाईबे पर बिराजमान प्राचीन शिव मंदिर, पुरानी तिन्दवारी मंदिर, रामजानकी शिव मंदिर, सहकारी समिति शिव मंदिर, भगवती नगर सहित अन्य शिव मंदिरों में दिन में भी भक्तों का तांता लगा रहा। शिव मंदिरों की सुरक्षा का जायजा पुलिस लेती रही। शिवालयों में भक्तों की आस्था ऐसी झलकी की हर कोई लोटे में जल लेकर भगवान को अर्पित करने के लिए ललायित दिखे।