सुलतानपुर: हवन, तंदूर में जलेगी गाय के गोबर की लकड़ी, आनलाइन भी कर सकेंगे खरीदारी

सुलतानपुर: हवन, तंदूर में जलेगी गाय के गोबर की लकड़ी, आनलाइन भी कर सकेंगे खरीदारी
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गांव की गोशाला में करीब साढ़े सात सौ गायें हैं। महिलाओं ने गौ संरक्षण के लिए संत रविदास स्वयं सहायता समूह बनाया है।

सुलतानपुर/ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह'रवि': सुल्तानपुर के हलियापुर गांव की गोशाला में महिलाओं ने गाय के गोबर से लकड़ी तैयार की है। यह पवित्र लकड़ी हवन, अलाव,तंदूर के साथ ही साथ शव दाह के लिए भी उपयोगी है। जिला मुख्यालय से लगभग पचास किलोमीटर दूर अयोध्या जनपद की सीमा पर हलियापुर गांव बसा है। यहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप गोशाला को रोजगार से जोड़ा गया है।

आकर्षित हो रहे हैं लोग

गांव की गोशाला में करीब साढ़े सात सौ गायें हैं ‌। गांव की महिलाओं ने गौ संरक्षण के लिए संत रविदास स्वयं सहायता समूह बनाया है। जिले के मुख्य विकास अधिकारी अतुल वत्स को जब यह बात पता चली तो उन्होंने समूह की महिलाओं से बात की। गोबर का नये तरह से उपयोग करके पर्यावरण संरक्षण करने की महिलाओं की योजना सुनकर वे दंग रह गये। उन्होंने गांव के महिलाओं की मदद की। ग्रामीण महिलाओं की सलाह पर सीडीओ ने सरकारी मदद से एक मशीन बनवाई। जो गोबर, घास, पैरा, भूसा और कोयला आदि के मिश्रण से लट्ठ तैयार करने लगी। लकड़ी की तरह जलने वाला गोबर का यह लट्ठ पहली बार स्थानीय बाजार में अलाव और तंदूर के रूप में इस्तेमाल होना शुरू हुआ तो लोग इसकी तरफ आकर्षित हुए।

मिल रहे हैं कई फायदे

ग्रामीण अखंड प्रताप सिंह बताते हैं कि गाय के गोबर से तैयार इस लट्ठ में विषाणु और जीवाणुओं को नष्ट करने की क्षमता पाई गई है। इस पवित्र लकड़ी का उपयोग अब हवन और शवदाह में भी शुरू हो गया है। इसकी कमाई से स्वयं सहायता समूह से जुड़ी दर्जन भर महिलाओं के साथ ही गौशाला सम्हालने वाले दर्जन भर कर्मचारी अपना जीवन यापन कर रहे हैं। पशुओं के खान-पान के साथ ही उनके इलाज का खर्चा भी इसी से निकल रहा है। लोगों को रोजगार से जोड़ने वाली इस योजना से भारत में पूज्य गौ का संरक्षण तो होगा ही साथ ही पर्यावरण प्रदूषण और वृक्षों के कटान में भी कमी आयेगी।

लठ की ब्रांडिंग

लट्ठ की ब्रांडिंग के लिए लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में इसका प्रदर्शन हुआ। जिसके बाद गाय के गोबर से बना सुलतानपुर का यह लट्ठ अब आनलाइन मार्केट में भी उपलब्ध है। आनलाईन मौजूद एक लट्ठ की कीमत 129 रुपये रखी गई है। साथ ही होम डिलीवरी भी फ्री है। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा गाय के गोबर से तैयार इस अनोखे देसी उत्पाद की प्रशंसा ग्रामीण विकास मंत्री मोती सिंह कर चुके हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी समेत कई राज्यमंत्रियों का दौरा भी इस गौशाला में हो चुका है।

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