बरेली: एपेक्स हॉस्पिटल का कारनामा, मौत हुई युवक की और परिजनों को दिया वृद्ध का शव

बरेली: एपेक्स हॉस्पिटल का कारनामा, मौत हुई युवक की और परिजनों को दिया वृद्ध का शव
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तस्वीर: सोशल मीडिया से साभार

बेहद बॉडी हल्की होने पर परिजनों ने खोल कर देखा तो बॉडी महेश की नही बल्कि किसी वृद्ध व्यक्ति की थी। परिजनों ने जमकर हंगामा किया। पहले तो हॉस्पिटल मानने को ही राजी नही था कि डेडबॉडी बदल गई इसी बीच दूसरे परिजन भी वहां आ गये और जमकर बबाल काटा दरअसल लापरवाही के चलते दोनो की बॉडी बदल गई।

बरेली: महानगर बरेली में एक तरफ कोरोना अपना कहर बरपा रहा है और दूसरी तरफ प्राइवेट हॉस्पिटल की मनमानी भी कम होने का नाम नहीं ले रही है। बरेली के अपेक्स हॉस्पिटल ने तो शुक्रवार को लापरवाही की सभी हदों को ही पार कर दी। हॉस्पिटल ने दो परिजनों को अलग-अलग डेड बॉडी दे दी। काफी देर हंगामा होता रहा।

डॉक्टर को भगवान कहा जाता है पर बरेली में इस भगवान ने लापरवाही की सभी सीमाओं को पीछे छोड़ दिया। हम बात कर रहे हैं बरेली के बारादरी थाना क्षेत्र में बने एपेक्स हॉस्पिटल की। दरअसल कटरा चांद खान के महेश कुमार गुप्ता की कोविड रिपोर्ट आने के बाद उनको अपैक्स हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। जहां महेश कुमार ने देर रात दम तोड़ दिया। परिजनों को हॉस्पिटल का सभी बिल पेड करने के बाद बॉडी दी गई साथ ही ये शर्त रखी गई कि कोई इसको खोल कर नहीं देखेगा। लेकिन बेहद बॉडी हल्की होने पर परिजनों ने खोल कर देखा तो बॉडी महेश की नही बल्कि किसी वृद्ध व्यक्ति की थी। परिजनों ने जमकर हंगामा किया। पहले तो हॉस्पिटल मानने को ही राजी नही था कि डेडबॉडी बदल गई इसी बीच दूसरे परिजन भी वहां आ गये और जमकर बबाल काटा दरअसल लापरवाही के चलते दोनो की बॉडी बदल गई।

हॉस्पिटल की लापरवाही यही खत्म नही हुई। दूसरा कोविड का मरीज राकेश की भी मौत अपैक्स हॉस्पिटल में हुई। बिल पे करने से पहले उनको बॉडी छूने भी नही दी गई। उनको भी सील बॉडी को खोलने की अनुमति नही थी। पर श्मसान भूमि में चिता पर रखते वक़्त उसके चेहरे को ख़ोल कर देखा तो डेड बॉडी राकेश की नही थी। उनके परिजन हॉस्पिटल में पहुचे तो हॉस्पिटल में जमकर हंगामा किया। पूरे मामले में गौर करने वाली बात ये हैं कि इस दोनों की बॉडी अदला बदली नही हुई है। क्योंकि महेश की बॉडी कहां गई इसके बारे में हॉस्पिटल प्रशासन नहीं बता पा रहा है और न ही इस बात की पुष्टि हों पा रही है कि महेश की मौत हुई भी है अथवा नही अगर नही तो वह कहा है।

इस मामले में हॉस्पिटल के डॉक्टरों से बात की तो वो उल्टा मीडिया पर ही भड़क गए और डेड बॉडी के बदलने के प्रकरण को सिरे से ही नाकार दिया। जबकि हॉस्पिटल के बाहर परिजन हंगामा कर रहे थे। मौके पर पहुची भारी पुलिस बल परिजनों को समझने की कोशिश कर रही थी लेकिन परिजन इस मामले में हॉस्पिटल प्रशासन पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे थे। ये कोई पहला मामला नही है जब प्राइवेट हॉस्पिटल की लापरवाही उजागर हुई है। कोरोना काल मे हॉस्पिटलों को ज्यादा सजग रहने की जरूरत है लेकिन बरेली के हॉस्पिटल इस आपदा को अवसर के रूप में देखते हुए मोटी कमाई में लगे हैं।

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