ज्ञानवापी सर्वे में क्या है ? ASI ने कोर्ट में जमा की रिपोर्ट
ASI ने ज्ञानवापी केस में पेश नहीं की सर्वे रिपोर्ट
वाराणसी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में हुए सर्वे की रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सोमवार को जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में दाखिल कर दिया। इस मामले में जिला न्यायालय में अगली सुनवाई 21 दिसम्बर को होगी। सर्वे रिपोर्ट अदालत में पेश करने के पहले प्रतिवादी पक्ष अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद ने अर्जी लगाई कि बगैर हलफनामे के किसी को भी रिपोर्ट सार्वजनिक करने की इजाजत न दी जाए।
इसके पहले एएसआई को 11 दिसम्बर को रिपोर्ट दाखिल करनी थी । लेकिन अदालत में रिपोर्ट दाखिल नहीं की जा सकी। अदालत को बताया गया कि एएसआई के वरिष्ठ सदस्य का ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ने और तबीयत खराब होने की वजह से वह अदालत में पेश होकर रिपोर्ट दाखिल कर पाने में असमर्थ हैं। इसलिए रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय और दिया जाए। इस पर जिला जज की अदालत ने एक हफ्ते की मोहलत और देते हुए रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 18 दिसम्बर की तिथि नियत की थी।
वजूखाने में शिवलिंग -
गौरतलब हो कि ज्ञानवापी मस्जिद में वजूखाना जहां शिवलिंग नुमा आकृति मिली थी। उस सील एरिया को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का प्रार्थना पत्र वादी पक्ष की ओर से बीते 16 मई को जिला जज की अदालत में दाखिल किया गया था। इसे मंजूर करते हुए 21 जुलाई को जिला न्यायालय ने ज्ञानवापी परिसर (सुप्रीम कोर्ट द्वारा सील क्षेत्र को छोड़कर) का सर्वे करके का आदेश दिया था। इसके खिलाफ प्रतिवादी पक्ष अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के अधिवक्ता 24 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट गए। जहां सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिवादी पक्ष को हाईकोर्ट जाने का आदेश देते हुए 26 जुलाई तक सर्वे पर रोक लगा दी थी। 25 जुलाई को हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए तीन अगस्त तक सर्वे पर रोक लगा दी। तीन अगस्त को हाईकोर्ट ने एएसआई को ज्ञानवापी परिसर में सर्वे की अनुमति दे दी।
चार अगस्त से शुरू हुआ सर्वे -
चार अगस्त से ज्ञानवापी परिसर में सर्वे फिर से शुरू किया गया जो लगातार दो नवंबर तक चला। खास बात यह है कि दिल्ली की राखी सिंह सहित पांच महिलाओं ने ज्ञानवापी स्थित शृंगार गौरी सहित अन्य विग्रहों के पूजा अधिकार की मांग वाली अर्जी न्यायालय में दाखिल की थी। इसी प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के तहत जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर का एएसआई से वैज्ञानिक सर्वे का आदेश दिया था।