'नई काशी' आज 'स्मार्ट काशी' के रूप में देश और दुनिया के लिए एक मॉडल बन गई : मुख्यमंत्री

नई काशी आज स्मार्ट काशी के रूप में देश और दुनिया के लिए एक मॉडल बन गई : मुख्यमंत्री
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वाराणसी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि आपके नेतृत्व में काशी ने देश और दुनिया के सामने एक नई पहचान बनाई है। अपनी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए 'नई काशी' आज 'स्मार्ट काशी' के रूप में प्रदेश, देश और दुनिया के लिए एक मॉडल बन गई है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का विजन और उनका मार्गदर्शन आज काशीवासियों, प्रदेशवासियों और देशवासियों को नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर कर रहा है। प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में पिछले 7 वर्षों के दौरान काशी में 10300 करोड़ रुपये की परियोजनाएं पूरी हुई हैं और लगभग 10284 करोड़ रुपये की योजनाएं वर्तमान में गतिमान हैं। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि काशी जिन बातों के लिए तरसती थी, आज वह काशी अपने एक नए रूप में देश-दुनिया के लिए एक नई प्रेरणा बन रही है। स्वास्थ्य का इंफ्रास्ट्रक्चर हो, शिक्षा का हो, पेयजल समेत हरेक क्षेत्र से जुड़ी इन परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास प्रधानमंत्री की प्रेरणा से उनके कर कमलों से यहां संपन्न हुआ।

एक संवेदनशील जनप्रतिनिधि -

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को एक संवेदनशील जनप्रतिनिधि बताते हुए कहा कि वे राष्ट्रीय और अंतर-राष्ट्रीय व्यवस्थाओं के बावजूद अपने संसदीय क्षेत्र के लिए समय निकालते हैं और हमसबका मार्गदर्शन भी देते हैं, इसके लिए मैं ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा कि विगत 16 महीनों से पूरा देश और पूरी दुनिया कोरोना महामारी से त्रस्त है। इस महामारी के इस पूरे कालखंड के दौरान पूरे देशवासियों को जो योग्य मार्गदर्शन और नेतृत्व प्रधानमंत्री का मिला, इसकी सराहना पूरी दुनिया के तमाम देशों ने किया है। इतना ही नहीं उनके सुझावों को पूरी दुनिया ने आत्मसात भी किया है।

काशी की निरंतर चिंता -

सीएम योगी ने कहा कि अपनी तमाम व्यस्तता के बावजूद महामारी के इस कालखंड में काशीवासियों के साथ निरंतर संवाद, काशी की निरंतर चिंता और काशी के विकास की इन सभी कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रेरणा और मार्गदर्शन, यह सब गौरवान्वित करने वाला है। अंत में समस्त प्रदेशवासियों की ओर से प्रधानमंत्री मोदी का हृदय से स्वागत व अभिनंदन करते हुए 'हर हर महादेव' से अपने उद्बोधन को समाप्त किया।

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