कोर्ट में फिर उठी ज्ञानवापी परिसर का सर्वे रोकने की मांग, मुस्लिम पक्ष ने दायर की याचिका

कोर्ट में फिर उठी ज्ञानवापी परिसर का सर्वे रोकने की मांग, मुस्लिम पक्ष ने दायर की याचिका
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हिंदू पक्ष 17 अगस्त को दाखिल करेगा आपत्ति

वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर में इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्देश पर चल रहे एएसआई सर्वे पर रोक लगाने की मांग को लेकर प्रतिवादी पक्ष अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के सदस्य बुधवार को फिर अदालत पहुंचे। जिला जज की अदालत में याचिका दाखिल की। अदालत ने याचिका को स्वीकार कर लिया। इस याचिका पर वादी हिंदू पक्ष 17 अगस्त को आपत्ति दाखिल करेगा। मुस्लिम पक्ष ने याचिका में पांच बिदुओं को आधार बनाते हुए सर्वे रोकने की मांग की है।

याचिका में कहा गया है कि जिन चार महिलाओं की याचिका पर जिला जज ने 21 जुलाई को ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे का आदेश दिया था, उन्होंने सर्वे में आ रहे खर्च की फीस नहीं जमा की है। यह सर्वे बिना फीस जमा किए ही हो रहा है। मुस्लिम पक्ष ने इसे सिविल रूल के खिलाफ बताया। मुस्लिम पक्ष ने याचिका में कहा है कि महिला वादियों को लिखित रूप से सर्वे की जानकारी भी नहीं दी गई। जो सर्वे हो रहा है वह कानूनी प्राविधान के विपरीत है। इस याचिका पर वादी महिलाओं के अधिवक्ता की तरफ से आपत्ति जताई गई है।

मुस्लिम पक्ष के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई

हिंदू पक्ष के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने पत्रकारों को बताया कि जिला अदालत में मीडिया कवरेज और सर्वे की फीस वाले मुस्लिम पक्ष के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई। जज ने निर्देश दिए कि सर्वे वाले स्पॉट पर जाकर किसी प्रकार की रिपोर्टिंग नहीं होगी। एएसआई के लोग ही मीडिया को कोई रिपोर्ट देंगे। ऐसे विषय सोशल मीडिया पर भी नहीं चलने चाहिए, जिससे शांति भंग की आशंका हो।

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