ज्ञानवापी मामले में दोनों पक्षों को नहीं मिले सर्वे के फोटोग्राफ, ये...है कारण
वाराणसी। ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के बाद बने वीडियो और फोटो शुक्रवार को दोनों पक्षों को उपलब्ध नहीं हो पाए। वादी पक्ष के अधिवक्ताओं के अनुसार वीडियोग्राफी की सर्टिफाइड कॉपी आज मिलनी थी, लेकिन तकनीकी कमी से सीडी नहीं बनी है।
बताया गया कि 30 मई को दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं को जिला न्यायालय में सीडी मिलेगी। अदालत ने वीडियो और फोटोग्राफ को देखकर इस मामले में आपत्ति करने के लिए सात दिनों का समय भी दिया है। 30 मई को दोनों पक्षों को वीडियो की सीडी मिल जाती है तो सात जून तक आपत्ति दाखिल करनी होगी।
खास बात यह है कि वीडियो को लेकर प्रतिवादी पक्ष ने शुक्रवार को एक प्रार्थना पत्र अदालत में दाखिल किया। इसमें मांग की गई कि फोटोग्राफ व वीडियो सिर्फ पक्षकारों को दिया जाए और इसके सार्वजनिक करने पर रोक लगाई जाए। प्रार्थना पत्र के जरिये कहा गया है कि नकल लेने के लिए कई लोगों ने प्रार्थना पत्र जमा किया है। इसमें से अधिकांश ऐसे हैं जिनका मुकदमे से कोई लेना-देना नहीं है। मुकदमे की संवेदनशीलता को देखते हुए फोटोग्राफ व वीडियो मात्र मुकदमे के पक्षकारों को ही दिए जाएं। कमीशन रिपोर्ट का निस्तारण न होने तक वीडियो और फोटो को सार्वजनिक न किया जाए।
उधर, विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख व वादी पक्ष के पैरोकार जितेन्द्र सिंह बिसेन ने पहले ही जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मांग की है कि ज्ञानवापी कमीशन का फोटोग्राफ या वीडियो सार्वजनिक नहीं होना चाहिए। अदालत की संपत्ति अदालत तक सीमित रहे, नहीं तो राष्ट्र विरोधी ताकतें समाज का सौहार्द बिगाड़ सकती हैं।