काशी में नागा साधुओं ने चिता भस्म से खेली मसाने की होली: बनारसी नगाड़ों की धुन पर झूमे श्रद्धालु, हरिश्चंद्र घाट पर किया शिव तांडव…

बनारसी नगाड़ों की धुन पर झूमे श्रद्धालु, हरिश्चंद्र घाट पर किया शिव तांडव…
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वाराणसी। बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में रंगभरी एकादशी के अवसर पर सोमवार को मसाने की होली का भव्य आयोजन हुआ। जिसमें नागा साधु, अघोरी और तांत्रिकों ने महाश्मशान में जलती चिताओं के साथ चिता भस्म से होली खेली। बाबा मसान नाथ की शोभायात्रा ने काशी के घाटों पर भव्यता बढ़ा दी।

शोभायात्रा रविंद्र पुरी स्थित बाबा कीनाराम आश्रम से प्रारंभ होकर आईपी विजया, भेलूपुर, सोनारपुरा होते हुए हरिश्चंद्र घाट पर संपन्न हुई।

इस बार की शोभायात्रा में बाबा की झांकी, डमरू दल, बैंड-बाजा के साथ सैकड़ों साधु-संत और श्रद्धालु शामिल हुए। जैसे ही शोभायात्रा घाट पर पहुंची। वहां बाबा की भव्य आरती की गई। इस आयोजन में नागा साधुओं और अघोरियों ने चिता भस्म से होली खेलकर शिव तांडव प्रस्तुत किया।

इस बार आयोजन के लिए पहले से ही पांच कुंतल चिता भस्म मंगवा ली गई थी। जिससे घाट पर पहुंचे सन्यासियों ने एक-दूसरे को भस्म और गुलाल लगाया। डोम राजा ने बताया कि हरिश्चंद्र घाट और मणिकर्णिका घाट पर हर वर्ष यह आयोजन किया जाता है।

जहां सैकड़ों नागा साधु, विरक्त संत और श्रद्धालु चिता भस्म की होली में भाग लेते हैं। इस बार के आयोजन में डीजे का प्रयोग नहीं किया गया लेकिन पारंपरिक बनारसी नगाड़ों की धुन पर नागा साधुओं और संन्यासियों का तांडव देखने को मिला। यह नजारा काशी के महाश्मशान हरिश्चंद्र घाट पर और भी भव्य लग रहा था।

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