ज्ञानवापी मस्जिद : कड़ी सुरक्षा के बीच दूसरे दिन सर्वे, चप्पे-चप्पे पर व्यवस्था

ज्ञानवापी मस्जिद : कड़ी सुरक्षा के बीच दूसरे दिन सर्वे, चप्पे-चप्पे पर व्यवस्था
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वाराणसी। ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में न्यायालय के निर्देश पर लगातार दूसरे दिन रविवार को भी कड़ी सुरक्षा के बीच मस्जिद परिसर में सर्वे की कार्यवाही चल रही है। अधिवक्ता कमिश्नर के साथ वादी-प्रतिवादी पक्ष के कुल 52 सदस्यों की मौजूदगी में परिसर के ऊपरी भाग का सर्वे हो रहा है। दोपहर 12 बजे तक मस्जिद परिसर के बरामदे, छत, गुंबद, तालाब और बाहरी दीवारों आदि की वीडियोग्राफी होनी है। मस्जिद परिसर में प्रवेश के पूर्व सभी सदस्यों के मोबाइल फोन जमा करा लिया गया।

निर्धारित समय पर सुबह आठ बजे सभी पक्ष के लोग चौक थाने से ज्ञानवापी मस्जिद में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के गेट नम्बर चार के रास्ते गये। पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने मौके पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि इंटेलीजेंस की रिपोर्ट के बाद यहां की सुरक्षा व्यवस्था और बढ़ाई गई है। सर्वे के पहले दिन परिसर के बाहर 10 लेयर की सिक्योरिटी थी, जिसे 12 लेयर की कर दी गई है। इन बातों का विशेष ध्यान दिया जा रहा है कि विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन करने वाले श्रद्धालुओं को असुविधा न हो।

उधर, सर्वे के दौरान तहखाने के एक हिस्से की वीडियोग्राफी शनिवार को नहीं हो पाई थी। उसे रविवार को खोला गया तो उसमें मिट्टी भरी मिलने की जानकारी सामने आई है। जिस पर वादी पक्ष ने आपत्ति दर्ज कराई। सर्वे के पहले दिन की ही तरह रविवार को भी ज्ञानवापी मस्जिद से लगभग एक किलोमीटर की दूरी तक मार्ग प्रतिबंधित है। काशी विश्वनाथ मंदिर के गेट नंबर चार के दोनों तरफ करीब 500 मीटर पहले ही बैरिकेडिंग लगी हुई है। किसी भी वाहन को गोदौलिया- मैदागिन मार्ग पर नहीं जाने दिया जा रहा है। दर्शनार्थियों को गलियों के रास्ते काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रवेश कराया जा रहा है। ज्ञानवापी के एक किलोमीटर तक जगह-जगह पुलिस और पीएसी के जवान मुस्तैद है।

17 मई को अदालत में पेश होगी रिपोर्ट -

अदालत ने कमीशन की कार्यवाही की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 17 मई की तिथि निर्धारित की है। माना जा रहा है कि रविवार को सर्वे के बाद आगे की रणनीति तैयार हो सकती है। अगर कमीशन की कार्यवाही पूरी हो जाएगी तो 17 मई को विशेष अधिवक्ता आयुक्त विशाल सिंह, अधिवक्ता आयुक्त अजय कुमार मिश्र और सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह संयुक्त रिपोर्ट न्यायालय को सौंपेंगे। यदि टीम को लगता है कि कमीशन के लिए और समय की आवश्यकता है तो वह न्यायालय से अगली तिथि पर रिपोर्ट पेश करने की अनुमति भी मांग सकती है।

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