उप्र : काशी ही चीन की अर्थव्यवस्था को हर साल पहुंचा सकता है इतना नुकसान

उप्र : काशी ही चीन की अर्थव्यवस्था को हर साल पहुंचा सकता है इतना नुकसान
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वाराणसी। एलएसी में भारत-चीन के साथ खूनी संघर्ष में भारतीय सेना के 20 जवानों के शहीद होने के बाद चीनी सामानों के बहिष्कार की मांग तेजी से हो रही है। क्योंकि चीन की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने के लिए जरूरी है कि भारत में चीनी सामानों का बहिष्कार किया जाए।

हम आपको बात दें कि ऐसे में केवल काशीवासी ठान लें तो चीन को हर साल ढाई हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। क्योंकि रोजमर्रा में इस्तेमाल की वस्तुओं के सस्ता होने के कारण बनारस में चीनी सामान का अच्छा बाजार है। लेकिन ऐसा नहीं कि इसका कोई विकल्प नहीं है। भारतीय कंपनियों के अलावा एशिया और यूरोप के अन्य देशों में बने उत्पाद भी बेहतर विकल्प हैं और ये सामान चीन के मुकाबले थोड़े महंगे भले ही दिखते हों, लेकिन गुणवत्ता में बेहतर हैं। चीन से रेशम, इलेक्ट्रॉनिक्स व इलेक्ट्रिकल वस्तुएं, गिफ्ट आइटम, बेयरिंग, रेडीमेड कपड़े, फर्नीचर काफी मात्रा में आते हैं। लेकिन बाजार में इन सभी का विकल्प मौजूद है।

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