Vijaya Dasham 2024: RSS प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में की शस्त्र पूजा, पूर्व इसरो चीफ बने चीफ गेस्ट

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में की शस्त्र पूजा, पूर्व इसरो चीफ बने चीफ गेस्ट

Vijaya Dasham 2024 : नागपुर, महाराष्ट्र। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर के रेशम बाग मैदान में शस्त्र पूजन किया है। संघ के इस कार्यक्रम में पद्म भूषण और पूर्व इसरो प्रमुख के. राधाकृष्णन मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। इसके अलावा शस्त्र पूजा कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस और पूर्व इसरो प्रमुख के सिवन भी शामिल हुए।

संघ के स्वयंसेवकों का निकला पथ संचलन

संघ प्रमुख के संबोधन से पहले संघ के स्वयंसेवकों का पथ संचलन निकाला है। रेशम बाग मैदान से दो पथ संचलन की टुकडियां निकली हैं। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने इसका अवलोकन मुख्य अतिथि के साथ किया है।

RSS मुख्यालय में विजयादशमी समारोह के दौरान RSS के नेता सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा, राज्य अलग-अलग हैं और उनकी भाषाएं अलग-अलग हैं, यहां तक ​​कि इन राज्यों की छोटी संस्कृतियां भी अलग-अलग हैं। एक अवांछित भ्रम पैदा किया जा रहा है कि एक भाषा सर्वोच्च है। भारत में बोली जाने वाली हर भाषा एक राष्ट्रीय भाषा है चाहे वह तमिल, मलयालम, मराठी, गुजराती, बंगाली या हिंदी हो। इन सभी भाषाओं के पीछे विचार एक है। भाषाएं अलग-अलग हैं लेकिन हमारी सोच एक है।

शस्त्र पूजन के बाद पद्म भूषण और पूर्व इसरो प्रमुख के. राधाकृष्णन ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि, डॉ. मोहन भागवत जी से अनुग्रहपूर्ण निमंत्रण प्राप्त करना मेरे लिए सम्मान की बात है। विजयादशमी के इस पावन अवसर पर यहां उपस्थित होना। आत्मनिर्भरता अतीत से ही हमारा जुनून रही है, न कि केवल एक उद्देश्य। हाल के दिनों में, भारतीय अंतरिक्ष जांच चाँद पर पहुँची है - चंद्रयान 3, मंगल की कक्षा में और सूर्य-पृथ्वी प्रणाली का आदित्य मिशन। भारत में वर्तमान पीढ़ी के अंतरिक्ष कप्तान हर भारतीय को गौरवान्वित कर रहे हैं।

पूर्व इसरो प्रमुख के. राधाकृष्णन ने आगे कहा कि, आज इस मंच पर इसरो के दो पूर्व अध्यक्षों की उपस्थिति ही यह दर्शाती है कि देश अंतरिक्ष को कितना महत्व दे रहा है। वर्तमान पीढ़ी अंतरिक्ष के नए पीढ़ी के नेताओं का मार्गदर्शन कर रही है जो भारत को भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की आकांक्षात्मक ऊंचाइयों पर ले जाएंगे और अंततः 2040 तक एक भारतीय को चंद्रमा पर उतारेंगे।

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