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भवानीपुर उपचुनाव : आखिरी दिन दीदी ने झोंकी ताकत, नहीं जीती तो होगा ये....
कोलकाता। भवानीपुर सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए आज प्रचार का आखिरी दिन है। सोमवार सुबह से ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के समर्थन में तृणमूल कांग्रेस के नेता घर-घर जाकर लोगों से जन संपर्क कर रहे हैं तो दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल के समर्थन में भी भाजपा नेताओं ने लगातार जनसंपर्क जारी रखा है।
प्रदेश भाजपा के समर्थन में प्रचार करने के लिए भाजपा नेताओं ने कमर कसी थी जबकि ममता बनर्जी के समर्थन में उनके अभिषेक बनर्जी समेत उनके मंत्रिमंडल के कई मंत्री और क्षेत्र के अन्य नेता लगे हुए थे। मुख्यमंत्री के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने सोमवार को दावा किया है कि ममता बनर्जी की जीत एक लाख वोटों से होगी।
ममता के चुनाव खास -
30 सितंबर को यहां उपचुनाव होना है और नियमानुसार 72 घंटे पहले सोमवार शाम पांच बजे प्रचार थम जाएगा। ममता बनर्जी के लिए यह चुनाव बेहद खास है क्योंकि इसके पहले अप्रैल मई महीने में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के दौरान ममता बनर्जी नंदीग्राम से चुनाव हार गई थीं। उन्हें बावजूद इसके उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और इस पद पर बने रहने के लिए उन्हें छह महीने के भीतर किसी न किसी विधानसभा सीट से जीत दर्ज करनी होगी। भवानीपुर से शोभन देव चटर्जी ने चुनाव जीता था लेकिन ममता बनर्जी के लिए उन्होंने अपनी विधायकी की छोड़ दी है और उसी सीट पर ममता चुनाव लड़ रही हैं। यदि ममता बनर्जी इस सीट पर चुनाव नहीं जीतती है तो उन्हें सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ेगा। जिसका डर उनके भाषण में भी नजर आ चुका है। उन्होंने भवानीपुर सीट पर आम लोगों से वोट मांगते हुए कहा था की आप लोगों का हर एक वोट मेरे लिए जरुरी है। अगर आपने वोट नहीं किया तो मुख्यमंत्री बदल जाएगा।
दीदी को सताया डर -
ममता बनर्जी का ये भाषण हार के प्रति उनके डर को स्पष्ट कर रहा है। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के बाद से तृणमूल कांग्रेस के प्रति लोगों के मन में गुस्सा है। वहीं भाजपा नंदीग्राम में दीदी को हराने के बाद भवानीपुर में भी हराने के लिए पूरा जोर लगा रही है। दोनों पार्टियों की जोर आजमाइश में जनता किसका साथ देती है, ये चुनाव परिणाम के साथ स्पष्ट होगा।