बंगाल से जॉन बार्ला सहित चार नेता हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल, दो की छुट्टी

बंगाल से जॉन बार्ला सहित चार नेता हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल, दो की छुट्टी
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नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल के विस्तार में पश्चिम बंगाल से चार लोगों को शामिल किया गया है, जबकि अभी तक मंत्री रहे दो लोगों को मंत्रिमंडल से हटा दिया गया है। यह सभी चारों लोग पहली बार मंत्रिमंडल में शामिल किए गए हैं।

केन्द्र में भाजपा की दूसरी बार सरकार बनने के बाद पहली बार केन्द्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया। इस विस्तार में पश्चिम बंगाल के निशिथ प्रमाणिक, शांतनु ठाकुर, डॉ. सुभाष सरकार और जॉन बार्ला को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। इन नामों में डॉक्टर सुभाष सरकार का नाम चौंकाने वाला है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल में पश्चिम बंगाल में संगठन के लिए काम करने वालों का तरजीह दी गई है। अभी तक केन्द्रीय मंत्रिमंडल में पश्चिम बंगाल से बाबुल सुप्रियो और देवाश्री चौधरी को जगह दी गई थी लेकिन अब दोनों से इस्तीफा ले लिया गया है।

मतुआ समुदाय के लोकप्रिय नेता हैं शांतनु ठाकुर -

शांतनु ठाकुर बनगांव लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के सांसद हैं और मतुआ समुदाय से जुड़े हैं। मतुआ समुदाय में उनका काफी प्रभाव माना जाता है। साल 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने समाजसुधारक माने जाने वाले हरिचंद्र ठाकुर के परिवार के शांतनु ठाकुर को टिकट दिया था और उन्होंने जीत दर्ज की थी। भाजपा ने बांग्लादेश के शरणार्थियों को नागरिकता देने की घोषणा की है। बंगाल की राजनीति में मतुआ समुदाय की महत्वपूर्ण भागीदारी है। माना जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए शांतनु ठाकुर को मंत्री बनाने का निर्णय लिया गया है।

राजवंशी समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं निशीथ प्रमाणिक -

निशीथ प्रामाणिक वर्ष 2019 में बंगाल की कूचबिहार सीट से एमपी चुने गए हैं। भाजपा ने उन्हें सांसद रहते हुए इस बार बंगाल की दिनहाटा सीट से चुनाव लड़ाया था। वह विधानसभा चुनाव में विजयी भी हुए थे, लेकिन पार्टी नेतृत्व के निर्देश के बाद उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था। प्रमाणिक का राजवंशी समुदाय पर काफी प्रभाव है। वह खुद भी राजवंशी समुदाय से आते हैं। उत्तर बंगाल में भाजपा के विस्तार के पीछे निशीथ प्रमाणिक का काफी योगदान माना जाता है। उत्तर बंगाल में भाजपा का अच्छा खासा प्रभाव है और 2024 के लोकसभा चुनाव पर 2021 के विधानसभा चुनाव का असर ना हो इसीलिए प्रमाणिक को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है।

जंगलमहल इलाके में डॉक्टर सुभाष सरकार का काफी है प्रभाव -

डॉ. सुभाष सरकार पेशे से एक डॉक्टर हैं। वे भाजपा के सदस्य के रूप में वर्ष 2019 के आम चुनाव में बांकुड़ा से निर्वाचित हुए हैं। डॉ. सुभाष सरकार को संगठन का आदमी माना जाता है और उनका जंगलमहल इलाके में काफी प्रभाव है। हाल के विधानसभा चुनाव में भी उनके इलाके में भाजपा का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था। वह बुद्धिजीवी माने जाते हैं और बंगाल में भाजपा के विस्तार में उनकी बड़ी भूमिका रही है।

जॉन बार्ला -

मोदी कैबिनेट में मंत्री बनने वाले पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार से सांसद जॉन बार्ला का राजनीतिक जीवन भी सुर्खियों से भरा रहा है। मई 2019 में सांसद के तौर पर जीत दर्ज करने के बाद वह चर्चा में आए थे और उसके बाद लगातार अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में छाए रहते हैं। अभी हाल ही में उन्होंने उत्तर बंगाल को अलग राज्य अथवा केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने की मांग की थी, जिसे लेकर जमकर विवाद हुआ था। उनके खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज किए गए थे, जिनमें से एक में यूएपीए की धारा भी लगाई गई थी। इसे लेकर खूब विवाद मचा था। बार्ला पर कई बार पार्टी लाइन से अलग हटकर बयानबाजी के आरोप लगते रहे हैं। हालांकि जिस क्षेत्र से वह सांसद हैं, वहां पहाड़ी, गोरखा और अन्य समुदाय के लोग रहते हैं और उनके बीच इनका अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है। माना जा रहा है कि निशिथ प्रमाणिक के साथ जॉन को भी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने का केंद्र सरकार का फैसला 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। बार्ला का प्रभाव उत्तर बंगाल के हर एक समुदाय पर है और मुद्दा केंद्रित राजनीति करने के लिए जाने जाते हैं। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में बंगाल में भाजपा की शिकस्त के बाद लोकसभा में इसका असर ना हो इसी को ध्यान में रखते हुए बार्ला को भी मंत्रिमंडल में जगह दी गई है।

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