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राज्यपाल ने मानवाधिकार आयोग को लिखा पत्र, कहा- बंगाल में कानून का नहीं पार्टी का शासन है
कोलकाता। मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ लगातार राज्य सरकार पर हमलावर हैं। अब राज्य में मानवाधिकार आयोग की निष्क्रियता को लेकर वह लगातार सवाल खड़ा कर रहे हैं। इस बीच उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को एक पत्र लिखा है जिसमें राज्य मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन की नियुक्ति को लेकर नियमों को दरकिनार करने के दावे किए हैं।
Governor Shri Jagdeep Dhankhar has expressed concern at dithering stance @MamataOfficial over appointment of Chairman State Human Rights Commission.
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) December 19, 2021
It must take note @India_NHRC finding that in state there is 'Law of ruler, not rule of law' and endeavour to salvage situation. pic.twitter.com/g8tQuW76IN
15 दिसंबर को लिखे अपने पत्र की प्रति राज्यपाल ने रविवार को ट्विटर पर डाली है और इसमें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को टैग करते हुए उन्होंने लिखा है कि राज्य मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन की नियुक्ति को लेकर ममता सरकार का रुख चिंतित करने वाला है। उन्होंने कहा है कि बंगाल में कानून का नहीं बल्कि सत्तारूढ़ पार्टी का शासन चल रहा है और मानवाधिकार खत्म है। उन्होंने राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति को सहमति नहीं दिए जाने का जिक्र करते हुए लिखा है कि यहां नपराजित मुखर्जी को राज्य मानवाधिकार आयोग का चेयरमैन बनाए जाने में नियमों को ताक पर रख दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि गत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग दिवस के मौके पर राज्यपाल ने ममता सरकार की तीखी आलोचना की थी और कहा था कि पूरे देश में अगर कहीं मानवाधिकार सबसे अधिक प्रभावित है तो वह पश्चिम बंगाल है।