संदेशखाली में और बिगड़े हालात तो हो सकती है केंद्रीय बलों की तैनाती

संदेशखाली में और बिगड़े हालात तो हो सकती है केंद्रीय बलों की तैनाती
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लोकसभा चुनाव से पहले अपनी ही पार्टी के नेताओं के खिलाफ स्थानीय लोगों के सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने, आगजनी तोड़फोड़ और अपने ही नेताओं की गिरफ्तारी की वजह से तृणमूल कांग्रेस बैक फुट पर है।

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में हिंसा और विरोध प्रदर्शनों से स्थिति और अधिक बिगड़ती है तो केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की भी तैनाती हो सकती है। राज्य प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि रविवार को ही केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के अधिकारियों के साथ इस बारे में चर्चा हुई है। खास तौर पर सोमवार को राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस के संदेशखाली दौरे को केंद्र कर राज्य सरकार ने हर कीमत पर क्षेत्र में हिंसा की स्थिति को काबू करने का मन बनाया है।

लोकसभा चुनाव से पहले अपनी ही पार्टी के नेताओं के खिलाफ स्थानीय लोगों के सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने, आगजनी तोड़फोड़ और अपने ही नेताओं की गिरफ्तारी की वजह से तृणमूल कांग्रेस बैक फुट पर है। गत बुधवार से सड़कों पर उतरी महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन और हंगामा शुरू किया था। पहले स्थानीय तृणमूल नेता शेख शाहजहां, उसके सहयोगी शिबू हाजरा और उत्तम सरदार को गिरफ्तार करने की मांग की गई। शाहजहां पर ईडी अधिकारियों पर हमले के लिए लोगों को भड़काने का आरोप है जो फिलहाल फरार है। अन्य दोनों तृणमूल नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

स्थानीय महिलाओं का आरोप है कि इलाके में इन लोगों ने गुंडाराज कायम कर रखा था और महिलाओं से छेड़खानी बच्चियों से असभ्य आचरण, लोगों से मारपीट और जबरदस्ती जमीन कब्जा करने का काम करते रहे हैं। इसके बाद माकपा के पूर्व विधायक को भी गिरफ्तार किया गया है, जिसके बाद वामपंथी कार्यकर्ताओं ने भी बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। इसलिए हालात काबू के बाहर हो रहे हैं। गत शुक्रवार से ही लगी धारा 144 के बावजूद लोगों का सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन नहीं थम रहा। खास तौर पर महिलाओं का। इसलिए अगर 24 घंटे के अंदर हालात सामान्य नहीं होते हैं तो बहुत हद तक संभव है कि इलाके में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की जाए।

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