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हिंदू आतंकवाद की कहानी गढ़ने में लगे आतंकी
कोलकाता। आतंकवाद के खिलाफ सख्त रूख अपनाने वाली मोदी सरकार की दृढ़ता के चलते भारत में आतंक की रीढ़ अब टूटती नजर आ रही है। यही वजह है कि आतंकी संगठन अपने अस्तित्व को बचाए रखने के लिए सामने आने के बजाए छिपकर घात लगाने की फिराक में हैं। इसके साथ ही कनवर्जन को आधार बनाकर ये आतंकी हिन्दू आतंकवाद की कहानी गढ़ने में लगे हैं। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है, जिसमें महिला आतंकी ने हिन्दू आतंकवाद की कहानी गढ़ने जा रही थी। इससे पहले कि वो अपने मंसूबों में कामयाब हो पाती कि बांग्लादेश पुलिस ने ढाका से गिरफ्तार कर उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया।
मामला पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से सटे हुगली जिले का है। यहां की रहने वाली एक कुख्यात आतंकवादी को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में गिरफ्तार किया गया है। खास बात यह है कि उसका मूल नाम आयशा जन्नत मोहना है, लेकिन उसने कथित तौर पर अपना धर्म बदलकर अपना नाम प्रज्ञा दास रख लिया था। इसके बाद बांग्लादेश तथा भारत में आतंकवाद फैलाने वाले जैश ए मोहम्मद की शाखा को नेतृत्व प्रदान कर रही थी।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि 25 साल की आयशा 2009 में आतंकवादी संगठनों के संपर्क में आई थी। उसके बाद वह हुगली से बांग्लादेश चली गई थी। वहां हिंदू आतंकवाद के सिद्धांत को स्थापित करने में लगी थी। आसमा खातून नाम के एक और आतंकवादी को गिरफ्तार करने के बाद जब पूछताछ शुरू हुई तब प्रज्ञा के बारे में जानकारी मिली। प्रारंभिक तौर पर माना जा रहा था कि वह हिंदू है लेकिन जब पुलिस ने गिरफ्तार कर जांच शुरू की तो पता चला कि उसने हिंदू आतंकवाद की कहानी गढ़ने के लिए धर्म और नाम दोनों बदल लिया था। उसका मूल काम, बांग्लादेश और भारत में आतंकी गतिविधियों के बीच संबंध स्थापित करना था। सेना के वरिष्ठ अधिकारियों को फंसाने में भी उसकी भूमिका बड़ी थी। बांग्लादेश की खुफिया एजेंसियों ने एनआईए को इस बारे में जानकारी दी है।