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तृणमूल कांग्रेस ने शेख शाहजहां को निलंबित किया, कहा - 'टीएमसी जो कहती है वो करती है'
कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट की फटकार के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस ने पचपन दिन की खींचतान के बाद संदेशखाली के मुख्य आरोपित और तृणमूल नेता शेख शाहजहां को गिरफ्तार कर लिया। उसे गत रात मिनाखां इलाके से दबोचा गया। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस ने 6 साल के लिए निलंबित कर दिया। तृणमूल कांग्रेस नेता 'डेरेक ओ' ब्रायन ने कहा कि एक पार्टी है, जो सिर्फ बोलती रहती है। तृणमूल जो कहती है, वो करती है।
दक्षिण बंगाल एडीजीपी सुप्रतिम सरकार ने शेख शाहजहां की गिरफ्तारी पर कहा, "इस मामले में शिकायत धारा 354 से संबंधित नहीं थी। 7, 8 और 9 फरवरी के बाद कई मामले सामने आए हैं, लेकिन 8 और 9 फरवरी के बाद से दर्ज हुए सभी मामले उन घटनाओं से संबंधित हैं जो दो या तीन साल पहले हुई थीं। उनकी जांच करने, सुबूत इकट्ठा करने, सुबूत जांचने में समय लगता है, खासकर उन मामलों के संदर्भ में जो दो साल पहले घटित हुए हों।"
हाईकोर्ट ने लगाई फटकार -
उल्लेखनीय है कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने बुधवार को टिप्पणी की थी कि जिस नेता के खिलाफ 42 प्राथमिकी हैं उसे आज तक गिरफ्तार नहीं किया गया। पुलिस अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती। सोमवार को भी हाई कोर्ट ने ऐसी ही टिप्पणी की थी। इसके बाद तृणमूल नेता कुणाल घोष ने कहा था कि शाहजहां को एक हफ्ते के भीतर गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
ईडी टीम पर हमला -
गौरतलब है कि जनवरी महीने की पांच तारीख को संदेशखाली में छापा मारने गई गई ईडी की टीम पर हजारों लोगों ने हमला किया था। इस दौरान शाहजहां भूमिगत हो गया था। इसके बाद पीड़ित महिलाओं ने दावा किया कि सालों साल शेख शाहजहां और उसके लोगों ने उनका शारीरिक शोषण किया है। उनकी भूमि जबरदस्ती छीन ली गई है। यह खुलासा होने के बाद राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस, केंद्रीय महिला आयोग, मानवाधिकार आयोग, अनुसूचित जनजाति आयोग समेत दिल्ली से फैक्ट फाइंडिंग टीम के सदस्य संदेशखाली पहुंचे। तब परत-दर-परत और खुलासे हुए और संदेशखाली सुर्खियों में आया। शाहजहां को गिरफ्तार नहीं करने की वजह से बंगाल पुलिस की खूब किरकिरी हुई।