Naxal Problem in Chhattisgarh: कब होगा नक्सलवाद का खात्मा, कांकेर में अभी भी घूम रहे 7 करोड़ के सैकड़ों इनामी नक्सली

Naxal Problem in Chhattisgarh
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Naxal Problem in Chhattisgarh : कांकेर। छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या आखिर कब खत्म होगी। ये सवाल सभी लोगों के जहन में आता है और इस सवाल का जवाब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दे भी दिया है। उन्होंने नक्सलवाद के खात्में को लेकर समय सीमा भी तय कर दी है। केंद्रीय गृहमंत्री ने हाल ही में छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान नक्सलवाद के खात्मे के लिए जवानों को मार्च 2026 तक का समय दिया है, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार, कांकेर में अभी 7 करोड़ से ज्यादा के सैकड़ों इनामी नक्सली खुलेआम घूम रहे हैं। यह नक्सली अभी भी एक्टिव हैं और जगह-जगह आईडी बम प्लांट कर रहे हैं।

जंगलों में 129 हार्डकोर नक्सली

जानकारी के अनुसार, अभी भी बस्तर के जंगलों में कई इनामी हार्डकोर नक्सली मौजूद हैं। कांकेर जिले में अभी भी 7 करोड़ 12 लाख रुपये के 129 नक्सली जंगलों में छिपे बैठे हैं। इनमें 57 पुरुष और 72 महिला नक्सली शामिल हैं। इस साल 2024 में कांकेर पुलिस और फोर्स के जवानों ने 2 करोड़ 45 लाख रुपए के 40 नक्सलियों को ढेर किया है जिसमें 23 पुरुष और 17 महिला थी। नक्सल प्रभावित बस्तर जिले में सुरक्षाबलों ने लगभग 30 फीसदी नक्सलियों का खात्मा कर दिया है, लेकिन अभी भी कई नक्सली बचे हुए हैं। इनके खात्में के लिए राज्य सरकार द्वारा नक्सल विरोधी अभियान तेजी से चलाया जा रहा है।

बीते कुछ महीनों में केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में कई बड़ी मुठभेड़ों में 210 से अधिक नक्सली मारे गए हैं। हालांकि, बस्तर के घने जंगलों में नक्सलियों की उपस्थिति अभी भी बनी हुई है, और उनके खिलाफ सुरक्षाबल लगातार कार्रवाई में जुटे हुए हैं। इन नक्सलियों का मुख्य कार्य लेवी वसूली और माड़ क्षेत्र में सप्लाई नेटवर्क चलाना था।

मुठभेड़ में मारे गए प्रमुख नक्सली

इन मुठभेड़ों में मारे गए नक्सलियों में कई बड़े नेता शामिल थे, जो न केवल विभिन्न हमलों में शामिल थे, बल्कि कई सुरक्षा बलों के जवानों की हत्या में भी उनकी भूमिका रही थी। कांकेर जिले में हुई एक प्रमुख मुठभेड़ में नक्सली नेताओं शंकर राव, दर्शन पड्डा, नागेश और ममता जैसे प्रमुख नेता मारे गए। ये नक्सली नेता न केवल बड़े हमलों में शामिल थे, बल्कि युवाओं को नक्सलवाद की ओर खींचने में भी सक्रिय रूप से भूमिका निभाते थे।

नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की कार्रवाई तेज़

साल 2024 के पहले महीनों में ही विभिन्न कैडर के करीब 40 से ज्यादा नक्सली सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए हैं। इन मुठभेड़ों में नक्सलियों को लगातार चुनौती मिल रही है, और उनके खिलाफ सुरक्षाबलों की कार्रवाई और तेज़ हो गई है।

सुरक्षा स्थिति में धीरे-धीरे हो रहा सुधार

बस्तर में नक्सल समस्या के समाधान के लिए सुरक्षाबल और राज्य सरकार लगातार मिलकर काम कर रहे हैं। इस क्षेत्र में नक्सलवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की वजह से, सुरक्षा स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। लेकिन, जंगलों में छिपे नक्सलियों को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए सुरक्षाबलों को अब भी काफी मेहनत करनी होगी।

बस्तर में सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई को लेकर जनता का भी समर्थन मिल रहा है। क्षेत्र में कई लोग अब नक्सलियों के खिलाफ खुलकर आवाज उठा रहे हैं और सुरक्षा बलों के साथ मिलकर नक्सलवाद के खात्मे के लिए काम कर रहे हैं।

कांकेर में खुलेआम घूम रहे इतने नक्सली

SZC कैडर - 3 नक्सली- 25 लाख प्रति इनामी - कुल 75 लाख

DVC - 22 नक्सली- 8 लाख प्रति इनामी - कुल 1 करोड़ 76 लाख

एरिया कमेटी सदस्य - 21 नक्सली- 5 लाख प्रति इनामी - कुल 1करोड़ 5 लाख

LOS - 33 नक्सली- 1 लाख प्रति इनामी - कुल 33 लाख

कंपनी नम्बर 05 - 27 नक्सली- 8 लाख प्रति इनामी - 2 करोड़ 16 लाख

SZC कैडर - 3 नक्सली- 25 लाख प्रति इनामी - कुल 75 लाख

मिलिट्री प्रशिक्षक सदस्य - 2 नक्सली - 5 लाख प्रति इनामी- कुल 10 लाख

रेकी/एक्शन टीम सदस्य - 1 नक्सली - 2 लाख प्रति इनामी- कुल 2 लाख

प्रेस टीम सदस्य - 4 नक्सली- 3 लाख प्रति इनामी - कुल 12 लाख

टेक्निकल टीम सदस्य - 7 नक्सली- 8 लाख प्रति इनामी - कुल 56 लाख

टेलर टीम सदस्य - 4 नक्सली- 3 लाख प्रति इनामी - कुल 12 लाख

सप्लाई टीम सदस्य - 5 नक्सली- 3 लाख प्रति इनामी - कुल 15 लाख

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