Raipur: छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज शीतकालीन सत्र का समापन, 59 मुद्दों पर होगी चर्चा; CM साय होंगे शामिल

छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज शीतकालीन सत्र का समापन, 59 मुद्दों पर होगी चर्चा; CM साय होंगे शामिल
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Chhattisgarh Assembly Winter Session 2024 : रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र 2024 का आज अंतिम दिन है। शीतकालीन सत्र के समापन के अवसर पर सीएम साय भी सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेंगे। इस सत्र के आखिरी दिन, प्रश्नकाल में कृषि और आदिम जनजाति विभाग से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल उठाए जाएंगे।

इसके अलावा ध्यानाकर्षण में धर्मांतरण, ऑनलाइन ठगी जैसे 59 मुद्दों पर चर्चा होगी। सदन में आज प्रमुख मुद्दों पर बहस और सवाल-जवाब का दौर जारी रहेगा, जिसमें सूरजपुर कांड, दवा खरीदी में अनियमितताएँ और अन्य बड़े मुद्दों पर सरकार को घेरा जाएगा।

आज ये हों सकते हैं प्रमुख मुद्दों

आज के सत्र में आदिम जाति मंत्री रामविचार नेताम और वित्त मंत्री ओपी चौधरी सरकार के पक्ष से सवालों का जवाब देंगे। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग में दवा खरीदी में अनियमितताएँ, हाउसिंग बोर्ड के निवासियों से एनओसी के नाम पर पैसे की मांग, और फर्जी कंपनियों द्वारा ठगी जैसे गंभीर मुद्दे उठाए जा सकते हैं।

इन मुद्दों पर विपक्ष सरकार से स्पष्टीकरण मांग सकता है। इसके अलावा विधानसभा में 3 अशासकीय संकल्प (Unstated Resolutions) भी प्रस्तुत किए जाएंगे। इन संकल्पों को पुन्नूलाल मोहले , अटल श्रीवास्तव, और अजय चंद्राकर सदन में पेश करेंगे।

सीएम होंगे शामिल

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (CM Vishnu Deo Sai) आज विधानसभा सत्र की कार्यवाही में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री आज सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक विधानसभा में रहेंगे। उनकी उपस्थिति में सरकार के द्वारा विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर जवाब देने की उम्मीद है।

सत्र के समापन के बाद सरकार विभिन्न प्रमुख मुद्दों पर अपनी कार्ययोजना (Action Plan) और रिपोर्ट्स पेश करेगी। इसके साथ ही विधानसभा में उठाए गए सवालों के जवाब देने के लिए हर विभाग से रिपोर्ट्स मांगी जाएंगी।

गौरतलब है कि, विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत सोमवार 16 दिसंबर से हुई थी। सत्र के तीसरे दिन अस्पतालों में फायर सेफ्टी (Fire Safety) और नक्सल समस्या (Naxal Issue) को लेकर सदन में तीखी बहस देखने को मिली थी। विपक्ष ने सरकार से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा उपायों पर सवाल उठाए थे, जबकि सत्ताधारी पक्ष ने अपने कार्यों को बचाव किया।

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